परवाणू में आग लगे तो भगवान ही बचाए
औद्योगिक शहर परवाणू में अग्निकांड से निपटने के लिए संबंधित विभागों क
संवाद सूत्र, परवाणू : औद्योगिक शहर परवाणू में अग्निकांड से निपटने के लिए संबंधित विभागों के इंतजाम नाकाफी हैं। यह सवाल परवाणू में हिमुडा द्वारा लगाए वाटर हाइड्रेंटों को देख कर उठने लगे हैं। यहा पर हिमुडा ने दमकल विभाग को कागजों में तो 25 हाइड्रेंट दिए हैं, लेकिन इसमें से केवल छह ही चालू अवस्था में हैं, जबकि 19 बंद पड़े हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन्हें बंद पड़ें करीब एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है, लेकिन इसके बावजूद हाइड्रेंटों को चालू करना जरूरी नहीं समझा है। ऐसे में इसका खामियाजा अग्निकांड होने पर लोगों को भुगतना पड़ता है।
गौर हो कि परवाणू शहर में मौजूदा समय में करीब 400 उद्योग हैं और यहा पर हर साल कई उद्योगों में अग्निकांड की घटना सामने आती है, जिसमें उद्योगों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है। मौजूदा समय में हाइड्रेंट तो बंद पड़े ही हैं, इसके साथ ही दमकल विभाग के पास भी पर्याप्त सुविधा नहीं है। दमकल विभाग के पास तीन वाहन हैं, जिसमें 4500 लीटर की क्षमता वाले एक एएफटी व एक वाटर टेंडर के साथ 300 लीटर की क्षमता वाला क्यो आरबी है, जो कि परवाणू शहर के लिए नाकाफी है। ऐसे में आग लगने की स्थिति में आग पर काबू पाने के लिए हरियाणा व बद्दी से दमकल विभाग की गाड़ियां मंगवानी पड़ती हैं।
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हमारे पास कुल 25 हाइड्रेंट हैं, जिसमें से छह चालू हैं। हमने बाकियों को ठीक करने के लिए हिमुडा से कहा है।
-बंसी राम भाटिया, फायर ऑफिसर, परवाणू।
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नई पाइप लाइन बिछाई गई है और अप्रैल के पहले सप्ताह में 15 और नए हाइड्रेंट चालू कर दमकल विभाग को सौंपे जाएंगे।
-राजेश ठाकुर, एसडीओ, हिमुडा परवाणू।