जमीन की तलाश में रेललाइन
चंडीगढ़ से औद्योगिक नगर बद्दी को रेल मार्ग के माध्यम से जोडने के लिए रेलवे मंत्रालय प्रयासरत है लेकिन यह योजना कब तक सिरे चढ़ेगी इसको लेकर संशय बना हुआ है। चंडीगढ़ से बद्दी तक रेल मार्ग बनाने के लिए बजट भी प्रस्तावित है लेकिन इसमें आने वाली लोगों की जमीनों के अधिग्रहण में पेंच फंसा हुआ है जिससे पिछले कई सालो सें लोगों को यह सुविधा नही मिल पा रही है। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक नगर बद्दी के रेल लाइन से जुड़ने के बाद यहां औद्योगिक निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं लोग भी रेल मार्ग से सीधे चंडीगढ़ जैसे महानगर के साथ जुड़ सकेंगे। चंडीगढ़ से बद्दी तक करीब 34 किमी लंबी रेल लाइन का सर्वेक्षण हो चुका है। तीन साल पहले इस रेल लाइन को बनाने के लिए रेल मंत्रालय स्वीकृति दे चुका है। बीबीएन क्षेत्र राज्य का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है, जहां रेललाइन पहुंचने से निवेश बढ़ेगा और उद्योगपतियों को इसका बेहद फायदा मिलेगा।
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
चंडीगढ़ से औद्योगिक नगर बद्दी को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए मंत्रालय प्रयासरत है, लेकिन यह योजना कब तक सिरे चढ़ेगी। इसपर संशय बना है। इस रेल मार्ग के लिए बजट भी प्रस्तावित है, लेकिन जमीन के अधिग्रहण के कारण पेंच फंसा है। कई साल सें लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक नगर बद्दी के रेल लाइन से जुड़ने के बाद यहां औद्योगिक निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं, लोग भी रेल मार्ग से सीधे चंडीगढ़ जैसे महानगर के साथ जुड़ सकेंगे। चंडीगढ़ से बद्दी तक करीब 34 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का सर्वेक्षण हो चुका है। तीन साल पहले इस रेल लाइन को बनाने के लिए रेल मंत्रालय स्वीकृति दे चुका है। बीबीएन क्षेत्र राज्य का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है, जहां रेललाइन पहुंचने से निवेश बढ़ेगा और उद्योगपतियों को इसका बेहद फायदा मिलेगा। इस रेललाइन निर्माण में हिमाचल व हरियाणा के लोगों व सरकारी भूमि का अधिग्रहण होना है। भूमि अधिग्रहण होने के बाद उसकी फाइनल रिपोर्ट बनकर सरकार को भेजी जानी है। रेललाइन के लिए अधिकांश हिस्सा हरियाणा का आता है। जहां पर जमीन अधिग्रहण करने में देर हो रही है। हिमाचल में भी अभी भूमि अधिग्रहण का कार्य अधर में ही है। जानकारी के अनुसार मुआवजा राशि को लेकर लोगों में विरोध है। इसके के निर्माण के लिए करीब 80 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें 27.5 हेक्टेयर भूमि हिमाचल में, जबकि हरियाणा में 52.5 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है।
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चंडीगढ़ की बजाय चंडीमंदिर से बद्दी के लिए रेललाइन लाने के लिए प्रक्रिया जारी है। 34 किलोमीटर रेल लाइन का सर्वेक्षण हो चुका है। हरियाणा व हिमाचल में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। पिछले बजट में इसके लिए करीब 90 करोड़ का बजट रखा गया, लेकिन जब तक निर्माण के लिए भूमि नहीं होगी तब तक इसको शुरू करना मुश्किल है।
-वीरेंद्र कश्यप, सांसद, शिमला।
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चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन निर्माण के लिए हिमाचल की सीमा में जमीन अधिग्रहण होना है, लेकिन अभी इसमें प्रगति नहीं हुई है।
-विनोद कुमार, उपायुक्त सोलन।