गुटबाजी व नियमित बैठकें न होना पड़ा भारी
कसौली ब्लाक कांग्रेस कमेटी को काफी समय से भंग करने की सुगबुगाहट के बीच वीरवार को कमेटी को भंग कर दिया गया।
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
कसौली ब्लाक कांग्रेस कमेटी को काफी समय से भंग करने की सुगबुगाहट के बीच आखिरकार पार्टी नेतृत्व ने चुनावी बेला में कसौली कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया। दो गुटों में बंटी कांग्रेस पर गुटबाजी भारी पड़ गई। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ल के निर्देश पर कसौली ब्लाक कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया गया है।
वहीं कसौली कांग्रेस में अब नए अध्यक्ष के लिए लाबिग शुरू हो गई है, जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। कसौली ब्लाक कांग्रेस दो गुटों में बंटी है, ऐसे में इस कार्यकारिणी के भंग होने से एक गुट को जहां झटका लगा है, वहीं लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे दूसरे गुट में उत्साह है। कांग्रेस हाईकमान को भी चुनाव के नजदीक दोनों गुटों के बीच नए अध्यक्ष के पद पर मुहर लगाना चुनौतीपूर्ण है। गुटबाजी व भितरघात से दो चुनाव नजदीक से हारे
कसौली विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन आपसी गुटबाजी व भितरघात से यह गढ़ लगातार कमजोर होता जा रहा है। 2012 के विधानसभा चुनाव में कसौली से कांग्रेस के 15 दावेदारों में से युवा चेहरे विनोद सुल्तानपुरी को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा से डा. राजीव सैजल व विनोद सुल्तानपुरी के बीच कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मात्र 24 मतों से चुनाव जीते। उसके बाद 2017 के चुनाव में भी डा. राजीव सैजल व विनोद सुल्तानपुरी के बीच टक्कर हुई, लेकिन उसमें भी भितरघात के कारण विनोद सुल्तानपुरी को यह चुनाव भी महज 442 मतों से हारना पड़ा। हालांकि भाजपा की लोकप्रियता व अपनी पार्टी के भितरघात के बावजूद विनोद सुल्तानपुरी 23 हजार से अधिक मत लेने में कामयाब हुए। इस बार दूसरे गुट ने अपनी ओर से सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार ध्यान सिंह को कांग्रेस में शामिल करवाकर दावेदार बना दिया है। कई कार्यक्रमों में दिखती रही है दोनों गुटों की गुटबाजी
कसौली ब्लाक कांग्रेस की पहले हर माह की 30 तारीख को नियमित बैठक हो रही थी, लेकिन तीन साल में चंद ही बैठकें हुई। इससे कसौली के कार्यकर्ताओं में रोष था। वहीं पिछले कुछ कार्यक्रमों में भी एक गुट का दूसरे को न बुलाना भी लोगों के बीच चर्चा बन रहा था। युवा रोजगार संघर्ष यात्रा के दौरान भी गुटबाजी देखने को मिली। यात्रा कमेटी के सदस्य सुल्तानपुरी ने रोजगार यात्रा की जनसभा गढ़खल में रखी, लेकिन दूसरे गुट ने प्रस्तावित जनसभा के बावजूद धर्मपुर में रैली कर दी। इसके अलावा संगठन संबंधी अन्य मामले भी हाईकमान के संज्ञान में थे। मैंने अपनी ओर से संगठन को मजबूत करने में कोई कसर शेष नहीं रहने दी। कोरोना के बावजूद जितनी संभव हो सकी उतनी बैठकें की। पार्टी के साथ 1977 से जुड़ा हूं, पार्टी की मजबूती के लिए आगे भी कार्य करूंगा।
- ठाकुर दास शर्मा, निवर्तमान अध्यक्ष कसौली ब्लाक कांग्रेस। कसौली ब्लाक कांग्रेस एकजुट है। चुनाव के लिए सभी एक साथ मिलकर कार्य करेंगे। पार्टी हाईकमान के जो भी निर्देश होंगे, उसके आधार पर कार्य करेंगे।
-विनोद सुल्तानपुरी, महासचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी।