बरसात में शहर में सता सकता है पेयजल संकट
बरसात का मौसम आने वाला है ऐसे में सोलन शहर सहित 100 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा सकता है।
जागरण संवाददाता, सोलन : बरसात का मौसम आने वाला है, ऐसे में सोलन शहर सहित 100 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों को पानी के लिए भटकना पड़ सकता है। बजट के अभाव की वजह से गिरि पेयजल योजना में परकूलेशन वाल लगाए जाने का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। यह सुविधा न मिलने की वजह से गिरि नदी से गादयुक्त पानी की लिफ्टिंग नहीं हो पाएगी। सोलन में यह समस्या बीते एक दशक से है। सोलन में लोगों को गर्मियों व बरसात में पानी के लिए परेशान होना पड़ता है।
सोलन शहर व आसपास की पंचायतों को दो पेयजल योजनाओं के माध्यम से पानी की सप्लाई दी जा रही है। अश्वनी खड्ड व गिरि पेयजल योजना। दो पेयजल योजनाएं होने के बावजूद सोलन को बरसात के दिनों में पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। शहर व आसपास की करीब एक लाख से अधिक की आबादी को सप्ताह में एक या दो दिन ही पानी की सप्लाई मिल पाती है।
वर्ष 2005 में पेयजल की समस्या का हल करने के लिए करीब 28 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से गिरि पेयजल योजना शुरू की गई है। इसके बाद दावा किया जा रहा था कि सोलन शहर को प्रतिदिन पानी की सप्लाई मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 15 वर्ष बाद भी शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बरसात के दिनों में पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। दो साल पहले शुरू हुआ था काम, कोरोना के चलते हो रही देरी
जल शक्ति विभाग द्वारा करीब दो वर्ष पहले गिरि पेयजल योजना में गाद की समस्या से निपटने के लिए परकूलेशन वाल लगाए जाने का कार्य शुरू किया गया था। करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से यह परकूलेशन वाल स्थापित किया जा रहा है। बजट व कोरोना काल में लेबर के अभाव की वजह से यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि इस कार्य को पूरा करने में अभी कई माह का समय लग सकता है। इस बरसात के सीजन में काम पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही गिरि पेयजल योजना से पानी की लिफ्टिंग की जाएगी।
सुमित सूद, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग।