एडीसी फार्मा कंपनी से मांगता था एयर टिकट, विजिलेंस टीम ने थाने में पेश होने के नोटिस चिपकाए
स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को बद्दी स्थित राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर (एडीसी) निशांत सरीन के सात ठिकानों पर छापामारी की।
सोलन, जेएनएन। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को बद्दी स्थित राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर (एडीसी) निशांत सरीन के सात ठिकानों पर छापामारी की। विजिलेंस टीम ने फार्मा कंपनियों की शिकायत पर कार्रवाई की। अधिकारी से फोन के माध्यम से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा। इस कारण विजिलेंस टीम ने उसके सात ठिकानों पर थाने में पेश होने के नोटिस चिपका दिए हैं। सूत्रों की मानें तो एडीसी के बिलासपुर, चंडीगढ़, पंचकूला, बद्दी सहित सात ठिकानों में दबिश दी गई। दबिश के दौरान संपत्ति के साथ विदेशी शराब और अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। हालांकि विजिलेंस ने अभी तक एडीसी निशांत सरीन को गिरफ्तार नहीं किया है। विजिलेंस टीम ने पंचकूला में सरीन की करीबी डॉक्टर डॉ. कोमल खन्ना के ठिकानों पर भी दबिश दी है।
विजिलेंस के अनुसार कंपनी के प्रबंधकों ने बताया था कि एक अधिकारी उनसे पैसों की मांग करता है। इसमें कभी एयर टिकट तो कभी होटल सहित अन्य ऐशो आराम के खर्च शामिल है। निशांत के ठिकानों की जानकारी जुटाने के बाद विजिलेंस ने एक साथ सभी जगह दबिश दी। सुबह शुरू की गई यह कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। एडीसी निशांत सरीन इससे पहले नाहन औद्योगिक क्षेत्र में तैनात था। उसे बद्दी में 12 जून को अतिरिक्त दवा नियंत्रक बनाया गया था। उसके बाद से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इससे पहले बिलासपुर में उसे एक बार रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़ा था।
एडीसी के ठिकानों पर छापामारी की जानकारी मिली है। पहले भी कुछ लोग उसके खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। शिकायतों को स्वास्थ्य निदेशक के ध्यानार्थ भेज दिया है। -नवनीत मारवाह, राज्य दवा नियंत्रक।
असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर बद्दी के ठिकानों पर उन्होंने दबिश दी है। फिलहाल शिकायत के आधार पर जांच जारी है। यह छापामारी विजिलेंस पुलिस थाना सोलन के तहत अमल में लाई गई है। -अनुराग गर्ग, एडीजीपी विजिलेंस शिमला।
कंपनी प्रबंधकों को धमका भी चुका है एडीसी
बद्दी के लोदीमाजरा स्थित एक कंपनी के मालिक संदीप का कहना है कि 27 जून को यही अधिकारी उनकी कंपनी में भी आया था। इस अधिकारी ने कुछ बाहरी लोगों के साथ मिलकर कंपनी में दहशत मचाई और उन्हें धमकियां दीं। उसके बाद इस अधिकारी का नाम लेकर किसी व्यक्ति ने उनसे फोन कर कथित तौर पर 15 से 20 लाख रुपये की मांग की।