सेब उत्पादन घटा, 72 करोड़ कम कारोबार
हिमाचल प्रदेश में प्रतिवर्ष सेब उत्पादन गिर रहा है।
सुनील शर्मा, सोलन
हिमाचल प्रदेश में प्रतिवर्ष सेब उत्पादन गिर रहा है। इसका खुलासा सोलन फल एवं सब्जी मंडी से प्राप्त आंकड़ों से हुआ है। प्रतिवर्ष सेब उत्पादन में करीब 35 फीसद गिरावट दर्ज की जा रही है, जो प्रदेश की आर्थिकी के लिए एक बड़ा झटका है।
शिमला, किन्नौर जिला में अधिकतर आबादी सेब पर निर्भर है और अरबों रुपयों का सेब हर वर्ष दूसरे राज्यों और विदेश के लिए एक्सपोर्ट होता है, मगर अब हर वर्ष गिरते सेब उत्पादन के ग्राफ से जहां प्रदेश के राजस्व में कमी आएगी वहीं सेब उत्पादकों का मनोबल भी गिरेगा। हैरानी इस बात की है कि प्रदेश में बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय स्थापित है, जहां सेब पौधों की नई प्रजातियों और उत्पादन बढ़ाने जैसे कई अहम प्रोजेक्ट पर लाखों खर्च किए जाते हैं, लेकिन इतना होने के बावजूद प्रदेश में सेब का उत्पादन घटने का कारण समझ नहीं आ रहा है।
18 लाख बॉक्स कम पहुंचे
शिमला और किन्नौर का अधिकतर सेब जिला सोलन से होकर गुजरता है। यहां परवाणू के निकट बनाई गई पोस्ट पर सेब के सभी ट्रकों की एंट्री की जाती है और सेब की कुल आयात का भी रिकॉर्ड रखा जाता है। इस वर्ष यहां अब तक 15 लाख 86 हजार बॉक्स दूसरे राज्यों को भेजे जा चुके हैं। पिछले वर्ष 10 सितंबर तक सेब के 22 लाख बॉक्स भेजे जा चुके थे। करीब 72 करोड़ रुपये का कम कारोबार इस बार आंका गया है। वर्ष 2016 में सेब की 50 लाख पेट्टियां सोलन फल मंडी से भेजी गई थी, जो अगले वर्ष 2017 में घटकर 32 लाख बॉक्स पर ही सिमट गई। करीबन 18 लाख बॉक्स एक वर्ष में घट गए। यही हालात अब इस दफा सामने आ रही है।
फल एवं सब्जी मंडी सोलन के सचिव प्रकाश कश्यप ने कहा कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में कम सेब सब्जी मंडी में पहुंचा है। मंडी से सेब का औसतन मूल्य 1100 प्रति बॉक्स चल रहा है। मंडी से न्यूनतम 800 और अधिकतम 1500 रुपये प्रति बॉक्स आगे भेजा जा रहा है। सेब की रॉयल, गोल्डन और डिलीशियस तीनों वैरायटी का सेब सोलन से निर्यात किया जा रहा है।