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मूली व पालक की बिजाई, बैंगन की तैयार करें पनीरी

संवाद सहयोगी, सोलन : डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विवि नौणी के वैज्ञानिकों के अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 07:17 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 07:17 PM (IST)
मूली व पालक की बिजाई, बैंगन की तैयार करें पनीरी

संवाद सहयोगी, सोलन : डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विवि नौणी के वैज्ञानिकों के अनुसार अगले पांच दिन में सभी जिलों में मौसम परिवर्तनशील रहने व हल्की वर्षा होने की संभावना है। दिन व रात के तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हवा पूर्वी उत्तर पूर्वी दिशा से दो से आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। यह जानकारी नौणी विवि के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा पर्यावरण विज्ञान विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मोहन सिंह ने दी। मूली, शलजम, मैथी व पालक की बिजाई करें। बैंगन की पनीरी तैयार करें। अगस्त में लगाई गई मध्य ऋतु की फूलगोभी, गाजर, मटर, खरीफ व प्याज में कैन की दूसरी मात्रा डालें। अरकल मटर की बीजाई करें। मध्यवर्ती क्षेत्रों में पछेती फूलगोभी पूसा स्नोवॉल के-1 और गोभी वर्गीय परिवार की बीज वाली फसल की पनीरी तैयार करें।

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प्लम व खुमानी पर करें दवा का छिड़काव

प्लम और खुमानी के अगले वर्ष अच्छे उत्पादन के लिए 2.5 प्रतिशत यानी पांच किलोग्राम यूरिया दो सौ लीटर पानी का छिड़काव करें। परसीमोन जापानी फल और अखरोट में विनीया ग्राफ्रिटंग कर सकते हैं। कीवी फल में अवांछित टहनियों की कटाई करें क्योंकि इस माह फल का आकार बढ़ता है।

मशरूम उत्पादन संबंधी कार्य

जिन किसानों ने कम्पोस्ट/खाद तैयार कर ली है तो खाद में एक किग्रा/100 किग्रा दर से स्पॉन मिलायें और पॉलीथीन के थैलों में दस किलोग्राम की मात्रा से भरें। थैलों का मुंह मोड़ कर बंद कर दें और थैलों के चारों तरफ 10-15 छेद करें। अब इन बीजित थैलों को फसल कक्ष में बांस या लोहे के रैक पर रखें। कमरे का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रखें। गुलाब के पौधों को पॉलीहाउस में उगाने का समय

पुष्प उत्पादन संबंधी कार्य

गुलदाउदी के पौधों को सहारा देने, अवांछित कलियों को हटाना, जरबेरा में पौध खेत में लगाने का समय है। लिलियम के बल्ब का कोल्ड स्टोर में भंडारण करें। गुलाब के पौधों को पॉलीहाउस में लगाने का सही समय है। ग्लेडियोलस और लिली के बल्ब को इकट्ठा करें। सर्दियों के फूलों की पौध तैयार करने के लिए क्यारियां तैयार करें। एलस्ट्रोमेरिया की रोपाई के लिए क्यारियां तैयार करें।

पशुओं के चारे में मिलाए विटामिन ई

पशुओं के दाने में विटामिन ई युक्त खनिज मिश्रण 50 ग्राम प्रतिदिन की दर से दें। पशुओं में अफारा रोग से बचाव के लिए हरा व सूखा चारा मिलाकर दें।


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