पच्छाद में पानी के लिए हाहाकार
संवाद सूत्र, नैनाटिक्कर : भीषण गर्मी के चलते पच्छाद में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। एक तरफ
संवाद सूत्र, नैनाटिक्कर : भीषण गर्मी के चलते पच्छाद में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। एक तरफ जहा सूखे के चलते किसानों की नकदी फसलें नष्ट हो रही हैं, वहीं मवेशियों व जनता के हलक को तर करने के लिए एक बाल्टी पानी का जुगाड़ करने में समय बर्बाद हो रहा है। पानी के लिए क्षेत्र में हालाकि विभाग ने टैंकर लगा रखे हैं, लेकिन टैंकर से पानी सिर्फ सड़क के नजदीक ग्रामीणों को ही मिल रहा है, जबकि सड़क से दूर रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 90 फीसद उठाऊ व गिरावटी पेयजल योजनाओं ने दम तोड़ दिया है। विभाग ने इन योजनाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
पच्छाद के सराहा, नैनाटिक्कर, नारग जैसे आबादी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति तीन से चार दिन में एक बार हो रही है। उधर पानी के इस संकट में पानी बेचने वालों की पौ बारह हो रही है। घिन्नीघाड़ क्षेत्र के साथ धारटीधार क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बारिश न होने से किसानों की टमाटर-शिमला मिर्च की नकदी फसलें मुरझा रही हैं।
आइपीएच विभाग की योजनाओं के साथ ही ग्रामीण टुल्लू पंप लगा देते हैं जो नदी नालों को चूसकर खेतों को सींचते हैं। यही नहीं कई योजनाओं की मेन लाइनों को अवैध रूप से टुल्लू पंप के साथ जोड़कर लोगों तक पहुंचने वाला पानी कहीं ओर ही पहुंच जाता है।
उधर, आइपीएच विभाग के नैनाटिक्कर अनुभाग के कनिष्ठ अभियंता चिरंजीवी का कहना है कि पानी के टैंकर लगाए गए हैं, जिन गांव में सड़क नहीं है, वहा पर विभाग भंडारण टैंक से आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।