रीना की नाटियों पर झूमे दर्शक
राज्य स्तरीय श्रीवामन द्वादशी सराहां मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या स्टार कलाकार रीना ठाकुर के नाम रही। रीना ठाकुर ने हिदी गाने व पहाड़ी नाटिया गाकर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। रीना ठाकुर ने दिल धड़काये सिटी बजावे सात समंदर में तेरे पीछे पीछे आ गई ठंडे पानी रे मजनुआ बेलवा बुरा आया जमाना में नहीं पेवके जाना इना बढिय़ा जो तुड़का लागना ठेकेदारनिएं कानों की बाली बुरा ना मानना मेरी बातों का पर जमकर दर्शकों को नचाया।
जागरण संवाददाता, नाहन : राज्यस्तरीय श्रीवामन द्वादशी सराहां मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या स्टार कलाकार रीना ठाकुर के नाम रही। रीना ठाकुर ने हिदी गाने व पहाड़ी नाटी गाकर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। दूसरे स्टार कलाकार ठाकुर दास राठी ने दर्शकों को रिझाने का प्रयास किया। इससे पहले सुमन सोनी, राहुल शर्मा, गौरीशंकर ने महादेवा महादेवा भोले बाबा, सरस्वती कला मंच राजगढ़ के सुशील भृगु ने कई बढि़या प्रस्तुतियां दी। सांस्कृतिक संध्या से पहले सराहां के पांच स्कूलों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी था, जिसमें राजकीय वरिष्ठ कन्या माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने विवाह की पुरानी प्रथाओं पर एकांकी प्रस्तुत की। जिसने दर्शकों का मन मोह लिया और दर्शकों ने जमकर इस एकांकी पर छात्राओं के लिए तालियां बजाई। एकांकी में छात्राओं ने प्राचीन विवाह परंपराओं को दर्शाया, जो कि अब लुप्त होती जा रही हैं। इसके अतिरिक्त एसवीएन, डीएवी, उदय पब्लिक स्कूल व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बॉयज की छात्राओं ने भी कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति थी। डीएवी स्कूल को मंच पर नहीं दिया पूरा समय : प्रधानाचार्य
स्कूली छात्रों के कार्यक्रम में डीएवी स्कूल के छात्रों को मंच पर कम समय दिए जाने पर डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्य ने मेला प्रबंधन कमेटी के खिलाफ भारी रोष जताया है। सराहां में जारी प्रेस विज्ञप्ति में डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी ठाकुर ने बताया कि एसडीएम पच्छाद के निर्देशानुसार उन्होंने नशे पर नाटक अपने स्कूल के छात्रों द्वारा तैयार करवाया था, जिसकी प्रस्तुति कम से कम 10 मिनट की थी। मगर मंच पर उन्हें मात्र 4 मिनट दिए गए, जबकि अन्य स्कूलों को 6 और 7 मिनट का समय दिया गया। जबकि उनके छात्र को 12:00 बजे बुलाया गया था और शाम 6:00 बजे उनके छात्रों का कार्यक्रम हुआ। गत वर्ष भी मेले में डीएवी स्कूल के कार्यक्रम में बीच में रोक दिया गया था। प्रधानाचार्य शालिनी ठाकुर, अध्यापकों व छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूलों के बच्चों ने बेहतरीन तैयारियां कर कार्यक्रम तैयार किए थे। मगर उन्हें मंच पर कम समय दिया गया। जबकि कई ऐसे कलाकार मेला प्रबंधन द्वारा बुलाए गए थे, जो कि मंच पर एक अंतरा भी नहीं गा सके।