संस्कृति हमें एक होने का भाव देती है : राज्यपाल
पूर्वजों से मिली प्राचीन पारंपरिक धरोहर को संजोए रखना है।
जागरण संवाददाता, नाहन : पूर्वजों से मिली प्राचीन पारंपरिक धरोहर को संजोए रखना है। मेले व त्योहार हमें एकता के सूत्र में बांधते हैं। हमारी संस्कृति का एक ही भाव है कि हम सभी इस देश के मूल निवासी हैं। हमारे आचार-विचार, रहन-सहन व भाषा में विविधता हो सकती है, लेकिन हमारी संस्कृति हमें एक होने का संदेश देती है।
यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेले के समापन पर शुक्रवार को कही। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने देव पालकियों को कंधा दिया। इसके बाद रेणु मंच से जिलावासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें परशुराम जी की भूमि गोमतक यानी गोवा से देवभूमि हिमाचल में परशुराम जी व माता रेणुकाजी के दर्शन का सौभाग्य मिला है। जिलावासियों को मेले के सफल आयोजन की बधाई दी। इससे पूर्व, राज्यपाल ने मेले में लगाई गई विभिन्न विकासात्मक प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। इसमें बागवानी विभाग को पहला, शिक्षा विभाग को दूसरा और आयुर्वेद विभाग को तीसरे पुरस्कार से सम्मानित किया। राज्यपाल ने कबड्डी में विजेता महिला वर्ग शिलाई, उपविजेता जींद हरियाणा, पुरूष वर्ग में स्पोर्ट्स अकादमी शिलाई व उपविजेता परशुराम क्लब घालजा को सम्मानित किया। इसके अलावा वालीबाल में विजेता एक्स सर्विसमैन संगड़ाह सिरमौर व उपविजेता टीम सराहां, बैडमिटन में रक्षित बडोन आदर्श राजगढ़ सिरमौर को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त तथा श्रीरेणुकाजी विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार गौतम ने मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी भी दी। इस मौके पर विधायक श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र विनय कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष सिरमौर सीमा कन्याल, मंडलायुक्त शिमला प्रियतु मंडल, पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल, पूर्व विधायक रूप सिंह, बलवीर चौहान, मेला राम शर्मा, अनिता शर्मा, रामेश्वर शर्मा आदि मौजूद रहे।