नौहराधार में सीमेंट प्लांट का काम रोकने का आदेश
श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के नौहराधार में प्रस्तावित व्हाइट सीमेंट प्लांट के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे स्थानीय निवासियों की एक बड़ी जीत हुई है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्थानीय निवासियों द्वारा दाखिल की गई। जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए सीमेंट प्लांट के काम को रोक देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस निर्णय से जनता में प्रसन्नता की लहर है। बता दें कि वर्ष 201
संवाद सूत्र, राजगढ़ : हाईकोर्ट ने श्रीरेणुकाजी क्षेत्र के नौहराधार में प्रस्तावित व्हाइट सीमेंट प्लांट का काम रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्थानीय निवासियों द्वारा दाखिल जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। 2018 में हिमाचल सरकार ने जोधपुर स्थित अरावली जिप्सम एंड मिनरल लिमिटेड कंपनी को नौहराधार क्षेत्र में सीमेंट प्लांट के लिए चूना पत्थर के खनन के लिए लैटर ऑफ इंटेंट दिया था। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों में रोष उत्पन्न हो गया। उन्होंने निजी भूमि व पर्यावरण बचाव समिति के बैनर तले इस इस निर्णय का विरोध किया। समिति ने मुख्यमंत्री के समक्ष भी मुद्दा उठाया कि प्लांट के लगने से सैकड़ों परिवार बेघर होंगे व पर्यावरण को भी नुकसान होगा। सैकड़ों बीघा में फैले बान और देवदार के जंगलों को इस प्लांट के निर्माण के लिए काटना पड़ेगा। पर्यटन स्थल चूड़धार भी इससे प्रभावित होगा। इसके पश्चात समिति ने अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान के नाम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। 18 जून, 2019 को न्यायमूर्ति धर्मचंद चौधरी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने लैटर ऑफ इंटेंट में वर्णित सीमेंट प्लांट के काम को रोक देने का निर्णय दिया। कोर्ट ने कहा कि उक्त कंपनी को चूना पत्थर की खनन की अनुमति देते हुए माइंस एंड मिनरल्स एक्ट 1957 की धारा 17 ए के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय ने पाया कि उक्त कंपनी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में कई महत्वपूर्ण जानकारियों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने प्रार्थी द्वारा दी गई इस जानकारी का भी संज्ञान किया कि खनन के लिए प्रस्तावित स्थान के नजदीक चूड़धार तीर्थ स्थल है और एक वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी नजदीक है। इस सब को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने सीमेंट प्लांट के काम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
........
मैंने और मेरे साथियों जीवन सिंह, जयपाल सिंह, अजय चौहान, राजेन्द्र सिंह, यशपाल सिंह और उजागर सिंह आदि ने इस सीमेंट प्लांट का हर मोर्चे पर विरोध किया। पूरे नौहराधार और नजदीकी क्षेत्रों के लोगों ने भी उनका हर संभव सहयोग किया। सरकार से मांग है कि नौहराधार क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए, जिनकी यहां अपार संभावनाएं भी है। इसके अतिरिक्त कोई फूड प्रोसेसिग का उद्योग भी नौहराधार क्षेत्र में लगाया जा सकता है। जब तक पर्यावरण के प्रति प्रशासन संवेदनशील नहीं हो जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
दिलीप सिंह चौहान, अध्यक्ष, निजी भूमि व पर्यावरण बचाव समिति।