बसों के अंदर ठूंस-ठूंस कर भरने के बाद छत पर बैठा रहे सवारियां
राजगढ़ में नियमों की अवहेलना कर बसों में ओवरलोडिंग की जा रही है।
पवन तोमर, राजगढ़
राजगढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत नेई नेटी के भूण गाव में एक सप्ताह पहले निजी बस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे को हुए अभी एक सप्ताह का समय ही हुआ है, लेकिन बसों में ओवरलोडिंग बंद नहीं हो रही है। यहां तक की पथ परिवहन निगम की बसों में भी छतों पर सवारियों को ढोया जा रहा है।
इससे साफ जाहिर होता है कि सिरमौर जिले में कई बस दुर्घटनाओं के बाद भी उपमंडल राजगढ़ में कोई खास असर दिखता नजर नहीं आ रहा है। आलम यह है कि अभी भी राजगढ़ में सरकारी व निजी बसों में धड़ल्ले से ओवरलोडिंग की जा रही है। प्रदेश में जब कहीं भी बस हादसा होता है तो उस वक्त मंत्री व प्रशासन एकदम हरकत में आता है और बड़े-बड़े कानून बनाने की बातें कहते हैं, लेकिन कुछ समय बाद सब भूल जाते हैं। राजगढ़ का स्थानीय प्रशासन व पुलिस तो लगता है कि सोई हुई है, जिसका उदाहरण राजगढ़ में हर रोज देखने को मिलता है। यहां बसों के अंदर सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरने के बाद छत पर भी लोग बैठाए जाते हैं। सोलन से राजगढ़ की तरफ जब बसें आती हैं तो शहर से दो किलोमीटर पीछे छत से सवारियां उतार देते हैं। इसके बाद जैसे ही राजगढ़ के बस स्टैंड से चलते हैं, तो सवारियों को नजदीक पेट्रोल पंप पर भेज देते हैं, वहा से सवारियों को फिर से छतों पर बैठा देते हैं। क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों ने प्रदेश सरकार से माग की है कि ऐसे बस चालकों व परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि सरकारी या निजी बसों के चालकों को ओवरलोडिंग नहीं करनी चाहिए। इनके चालान किए जाएंगे, यदि मौके पर बसों के दस्तावेज पूरे नहीं मिले तो बसें जब्त भी की जाएंगी।