हस्ताक्षरों की फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद तय होंगे आरोप
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े कर एवं कर्ज घोटाले के मामले में सोमवार को नाहन की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। सोमवार को आबकारी एवं कराधान विभाग के 2100 करोड रुपए के कर चोरी के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीआईडी द्वारा अभी तक गिरफ्तार किए गए सभी 19 आरोपी मौजूद रहे। साथ ही अदालत ने स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री द्वारा इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के पदाधिकारियों के जो हस्ताक्षर लिए हैं उनकी रिपोर्ट अगली सुनवाई 2 नवंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। क्योंकि अभी तक स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री द्वारा जो फर्जी आरटीजीएस व कर चोरी के मामलों में कंपनी के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर के नमूने लिए थे। उसकी रिपोर्ट कोर्ट में नहीं सौपी है। फॉ
जागरण संवाददाता, नाहन : इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के कर-कर्ज घोटाले में सोमवार को नाहन की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एसएफएसएल) द्वारा कंपनी के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर की रिपोर्ट दो नवंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। एसएफएसएल ने फर्जी आरटीजीएस व कर चोरी के मामलों में पदाधिकारियों के हस्ताक्षर के नमूने लिए थे। इस रिपोर्ट के बाद ही कंपनी के पदाधिकारियों पर आरोप तय होंगे। इस दौरान सीआइडी द्वारा गिरफ्तार सभी 19 आरोपित मौजूद रहे। सीआइडी ने घोटाले में शामिल कंपनी का पदाधिकारी जो जेल में बंद है, उससे पूछताछ के लिए न्यायालय में दस्तावेज सौंपे गए। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी द्वारा वर्ष 2008 से 2014 तक प्रदेश सरकार को कर चोरी में 21 करोड रुपए तथा 11 विभागों को 6000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है। उधर, सीआइडी के पुलिस अधीक्षक क्राइम संदीप धवल ने बताया कि अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी।