नाहन मेडिकल कॉलेज के हॉटलों में पानी पर सालना 13 लाख खर्च
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के छात्र प्रतिवर्ष 12 से 13 लाख रुपए का पानी गटक रहे हैं। नाहन मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल में पानी पिलाने के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला प्रतिवर्ष हो रहा है। नाहन मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर यह आरोप नाहन की संस्था डीडीपी वेलफेयर ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में लगाए। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डीडीपी वेलफेयर संस्था के अध्यक्ष मनोज पटेल उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी सुशील गोयल माइकल डिसूजा राजेंद्र बंसल व सुधीर रमोल ने बताया कि नाहन मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017-1
जागरण संवाददाता, नाहन : डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के हॉस्टलों में विद्यार्थी सालाना 12 से 13 लाख रुपये का पानी पी रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन पानी के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला कर रहा है। यह आरोप कॉलेज प्रशासन पर डीडीपी वेलफेयर संस्थान ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में लगाया। संस्था के अध्यक्ष मनोज पटेल, उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी, सुशील गोयल, माइकल डिसूजा, राजेंद्र बंसल व सुधीर रमोल ने बताया कि 2017-18 में हॉस्टलों में साढ़े पांच लाख व 2018-19 में 13.22 लाख रुपये का पानी सप्लाई किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने नाहन के एक बड़े बिल्डर का मकान हॉस्टल के लिए लिया है, मगर उसमें बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं की। कॉलेज प्रशासन प्रतिमाह बिजली व पानी के बिलों के लिए लाखों रुपये की अदायगी कर रखा है। पानी सप्लाई के टेंडर में प्रदेश सरकार के नियम की अनदेखी की गई है। नियमों को ताक पर रख जिस बिल्डर के मकान में हॉस्टल है, उसके एक कर्मचारी द्वारा ही पानी की सप्लाई की जा रही है। हॉस्टल कैंटीन भी बिना टेंडर के चल रही है। 6500 रुपये एक विद्यार्थी से प्रति माह डाइट चार्ज वसूला जा रहा है। हॉस्टलों में किराये की तय दरों को ताक पर रखा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने किसी भी भवन को किराये पर लेने के लिए लोक निर्माण विभाग को अधिकृत किया है, जबकि यहां जो भवन किराये पर लिए गए उसकी वेल्यूएशन लोक निर्माण विभाग से न कराकर हिमुडा से करवाई गई, जो कि गैरकानूनी है। हिमुडा इस तरह की कोई वेल्यूएशन नहीं कर सकती। गर्ल्स हॉस्टल का प्रति माह किराया 2 लाख 73 हजार, बॉयज हॉस्टल का किराया 2 लाख 30 हजार, डॉक्टर क्वार्टर टाइप 4 का किराया 5.79 लाख और क्वार्टर टाइप 3 का किराया 2 लाख है। डीडीपी वेलफेयर संस्था के पदाधिकारियों ने आरटीआइ से प्राप्त जानकारी भी साझी की। मुझे कोई जानकारी नहीं
इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य ही इस बारे में अधिक जानकारी दे सकती है। यह उनके समय ही स्वीकृत किया गया था।
-डीडी शर्मा, एमएस, मेडिकल कॉलेज नाहन।