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सुनील दौड़ते हैं ताकि चलती रहे लोगों की सांस, 12 लोगों का बचाया जीवन

अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा चैरिटी रन से धन जुटाकर मरीजों का उपचार करवाते हैं , जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, रक्तदान के लिए भी लोगों को प्रेरित करते हैं।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 10:59 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 10:59 AM (IST)
सुनील दौड़ते हैं ताकि चलती रहे लोगों की सांस, 12 लोगों का बचाया जीवन
सुनील दौड़ते हैं ताकि चलती रहे लोगों की सांस, 12 लोगों का बचाया जीवन

नाहन, राजन पुंडीर। खेलों से जहां खिलाड़ी पुरस्कार हासिल कर नाम और पैसा कमाना चाहते हैं, वहीं सुनील शर्मा की दौड़ लोगों की सेवा के लिए है। जिला सिरमौर के संगड़ाह निवासी अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। मैराथन लगाकर जुटाई चैरिटी से करीब 12 लोगों का जीवन बचाया है।

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22 मार्च 2015 को सेव वाटर सेव फॉरेस्ट जागरूकता रैली निकाली। चंडीगढ़ से रेणुकाजी तक दौड़ कर लोगों को पौधे लगाने के लिए जागरूक किया। सुनील शर्मा ने आठ मार्च 2016 को द ग्रेट इंडिया रन में चंडीगढ़ से दिल्ली तक दौड़ कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। 

29 जुलाई 2016 को द सिरमौर ग्रेट रन में 24 घंटे लगातार दौड़कर जहां रिकॉर्ड बनाया, वहीं जो चैरिटी से धन एकत्रित हुआ उससे कैंसर से पीड़ित लोगों का जीवन बचाने का प्रयास किया। प्रदेश के ऊना जिला की डिंपल व नाहन निवासी धनवीर सिंह के लिए 3.40 लाख रुपये जुटाए। उसके बाद द ग्रेट सिरमौर रन दो में दौड़कर कैंसर पीड़ितों के लिए छह लाख रुपये एकत्रित किए। मीना, इमरान व सुरजन सिंह को दो-दो लाख रुपये इलाज के लिए दिए। सुनील शर्मा ने नेपाल, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, अमेरिका, ताइवान में कई अल्ट्रा मैराथन में भाग लेकर पदक जीते हैं। 12 जुलाई 2018 को देश की सबसे कठिन खारदुंग, लद्दाख व कारगिल की पहाड़ियों पर कारगिल इंटरनेशनल मैराथन में भाग लिया। दिसंबर 2018 में सुनील शर्मा ने महाराष्ट्र के किसानों की मदद के लिए रन फॉर मदर में हिस्सा लिया। हाल ही में सुनील शर्मा ने केरल के बेगामौन वल्र्ड क्वालीफाइंग रन में स्वर्ण पदक जीता है।

चंडीगढ़ से की समाजसेवा की शुरुआत

संगड़ाह के माईना बाग के सुनील शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उच्च विद्यालय रजना से की। जमा दो की पढ़ाई ददाहू से करने के बाद नाहन पीजी कॉलेज से स्नातक की। नौकरी की तलाश में चंडीगढ़ पहुंचे। कुछ समय तक यहां नौकरी की। इस दौरान एक व्यक्ति मिला जो रक्तदानी को ढूंढने के लिए भटक रहा था। सुनील शर्मा ने कुछ छात्रों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। इसके बाद चंडीगढ़ में कई रक्तदान शिविर लगाए। इसके बाद गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की सेवा के लिए चैरिटी रन शुरू की।


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