अधिकारियों की जल्द हो सकती है गिर तारिया
राजन पुंडीर, नाहन इंडियन टेक्नोमेक घोटाले में सीआइडी की टीम ने जाच तेज कर दी है।
राजन पुंडीर, नाहन
इंडियन टेक्नोमेक घोटाले में सीआइडी की टीम ने जाच तेज कर दी है। जल्द ही टीम आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों पर शिकंजा कसेगी और इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। टीम पिछले तीन माह से नाहन, पावटा साहिब व इंडियन टेक्नोमेक कंपनी परिसर में लगातार दस्तावेजों की जाच पड़ताल में लगी हुई है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि सीआईडी को जाच पड़ताल में कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें 2008 से 2014 तक इंडियन टेक्नोमेक कंपनी में आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से टैक्स चोरी को अंजाम दिया गया। पिछले तीन माह से स्टेट सीआइडी के कर्मचारी ही नाहन व पावटा साहिब में कंपनी से जुड़े दस्तावेजों को जाच रहे थे। हाल ही में सीआइडी के डीएसपी व पुलिस अधीक्षक ने भी नाहन में आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालय व स्टोर में कंपनी से संबंधित दस्तावेजों को जाचा। इन दस्तावेजों की जाच पड़ताल में अहम सुराग हाथ लगे हैं। इसके बाद अब टीम कंपनी के अधिकारियों के बाद विभाग के कर्मचारियों को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। जिन्होंने 2008 से 2014 तक इंडियन टेक्नोमेक कंपनी दस्तावेजों को जारी किया। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के करोडों के घोटाले को आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनॉमिक्स इंटेलिजेंस यूनिट के प्रभारी जीडी ठाकुर ने 2014 में पकड़ा था। उसके बाद इस फैक्ट्री को सील कर दिया गया, मगर 4 वषरें तक जाच ठंडे बस्ते में पडी रही। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही सीआइडी ने इस मामले में छानबीन तेज की। अब तक चार गिरफ्तारिया कंपनी के पदाधिकारियों की हो चुकी है। 6 हजार करोड़ का घोटाला पकड़ने वालों की झूठी शिकायतें
आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ अधिकारियों ने इंडियन टेक्नोमेक के 2200 करोड़ का टैक्स चोरी व 6 हजार करोड़ का घोटाला पकड़ने वाले अधिकारी जीडी ठाकुर की झूठी शिकायतें की गई, ताकि उन्हे केस से हटाया जा सके। ऐसी ही एक शिकायत कालाअंब स्टील एसोसिएशन के नाम से एक फर्जी कंप्लेंट हाईकोर्ट में की गई। जिस पर बाद में पीआइएल भी हुई। हाईकोर्ट ने आबकारी एवं कराधान विभाग की टैक्स चोरी का घोटाला पकड़ने वाले अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायत पाए जाने पर मामले को खारिज कर दिया। इसी मामले में हाईकोर्ट में तात्कालीन मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश ने नबंबर 2017 में भी एफिडेविट दिया था, जो प्रदेश में 66 भ्रष्ट अधिकारियों के नाम आये है। उसमें जीडी ठाकुर का नाम नहीं है।
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आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ कर्मचारी व अधिकारी झूठी शिकायतें कर मुझे जिला सिरमौर से स्थानातरित करवाना चाहते हैं। क्योंकि मैंने 2200 सौ करोड़ के टैक्स की चोरी का मामला पकड़ा था। इस मामले को मैंने ही ईडी को सौंपे जाने की सिफारिश की थी। अब स्टेट सीआईडी की टीम एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों पर शिकंजा कसने वाली है, जोकि घोटाले में शामिल रहे हैं। वे नहीं चाहते कि मैं सिरमौर जिला में तैनात रहूं।
-जीडी ठाकुर, सहायक आयुक्त आबकारी एवं कराधान विभाग जिला सिरमौर