हौसले के आगे हारा बुढ़ापा
पवन तोमर, राजगढ़ अगर कुछ कर दिखाने का हौसला हो तो उम्र के आगे झुकना नहीं चाहिए।
पवन तोमर, राजगढ़
अगर कुछ कर दिखाने का हौसला हो तो उम्र के आगे झुकना नहीं चाहिए। सिरमौर जिले के एक बुजुर्ग ने भी ऐसा कर दिखाया है। उन्होंने 12 साल की मेहनत कर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक जंगल तैयार कर दिया है। बिगड़ते पर्यावरण संरक्षण व जंगलों के कटान से आहत सिरमौर जिला के पच्छाद विकास खंड की शाड़िया पंचायत के मासरिया निवासी 75 वर्षीय 75 वर्षीय बुजुर्ग धनवीर सिंह ने पर्यावरण संरक्षण की मिसाल कायम की है। धनवीर सिंह ने आने वाली पीढि़यों के लिए मिनी जंगल तैयार कर दिया है। ताकि वह शुद्ध हवा में जीवन यापन कर सकें। धनवीर सिंह ने 2005 में गाव मासरिया में देवदार व लसुनिया का जंगल तैयार करने की ठानी थी। लोगों का कहना था कि यहा पर देवदार का जंगल तैयार नहीं हो सकता है। फिर चुनौती व पर्यावरण को बचाने के लिए उन्होंने अपनी 25 बीघा भूमि पर देवदार व लसुनिया के दो-दो पौधे लगाए तथा देखभाल शुरू कर दी। इसमें वे सफल रहा तो उसने इसके बाद वन विभाग से देवदार व लसुनिया के पौधे मंगवाए और उन्हें रोपा। करीब 12 साल की मेहनत के बाद कई पौधे तो 30 से 40 फीट ऊंचे हो चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए देवदार का पौधा सबसे उपयुक्त माना गया है। लसुनिया के पौधे के पते पशुओं को चारे के रूप में इस्तेमाल होते हैं। यह वर्षभर हरा रहता है।
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हर बरसात में रोपते हैं 20 पौधे
धनवीर सिंह ने बताया कि उन्हें बचपन से पौधे लगाने का शौक था। वहीं हर साल बरसात में दस से 20 पौधे रोपते थे। मगर कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने देखा कि जिस तरह जंगल में पेड़ कट रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। इसके चलते क्षेत्र में बेमौसमी बारिश हो रही है। अचानक क्षेत्र में गर्मी भी बढ़ने लगी, तो इन्होंने चिंतन कर निर्णय लिया कि प्रदूषण रहित जंगल तैयार करेंगे। जो पर्यावरण सरक्षण में उनका अहम योगदान होगा।
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कठोर परिश्रम से हर कार्य संभव धनवीर सिंह ने बताया कि अभी उनका
4000 और पौधे लगाने का लक्ष्य है। ताकि वह अपने गाववासियों को प्रदूषण से बिलकुल दूर रखकर प्रदूषण रहित वातावरण दे सकें। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम व लगन से सब कार्य संभव है।