Pachad By Election: दयालप्यारी व सुरेंद्र छिंदा के बाद यह युवा नेता भी लड़ेगा आजाद चुनाव, जानिए
दयाल प्यारी कश्यप व सुरेंद्र छिंदा के अलावा युवा नेता व विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता आशीष सिकटा ने भी आजाद मैदान में उतरने की हामी भर दी है।
नाहन, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने लंबी कशमकश के बाद उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए। इस बार भाजपा हाईकमान ने पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में राजगढ़ क्षेत्र के लोगों की मांग को तवज्जो देते हुए गिरीपार से प्रत्याशी दिया है। राजगढ़ क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री व हाईकमान तक यह बात पहुंचाई थी कि सांसद गिरीपार (सराहां) क्षेत्र से है, तो विधायक गिरीपार (राजगढ़) क्षेत्र का होना चाहिए। इस पर रविवार दोपहर बाद राष्ट्रीय चुनाव कार्यसमिति की बैठक में रीना कश्यप के नाम पर मुहर लगी।
भाजपा की प्रबल दावेदार माने जाने वाली दयाल प्यारी कश्यप ने निर्दलीय चुनाव में उतरने का निर्णय लिया है। दयाल प्यारी कश्यप व सुरेंद्र छिंदा भी सोमवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन भरेंगे। इनके अलावा युवा नेता व विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता आशीष सिकटा ने भी आजाद मैदान में उतरने की हामी भर दी है। भाजपा कार्यकर्ता सुरेंद्र पाल छिंदा पूर्व में नेई नेटी पंचायत के प्रधान रह चुके हैं। पच्छाद में इस समय वही स्थिति है, जो 1982 में कांग्रेस के सामने थी। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर जीआर मुसाफिर ने पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वह निर्दलीय चुनाव जीतकर कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे और कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री भी बन गए थे।
पच्छाद क्षेत्र की 30 पंचायतों में दयाल प्यारी कश्यप की अच्छी पकड़ बताई जाती है। दयाल प्यारी कश्यप ने भाजपा से टिकट के लिए प्रदेश नेतृत्व से लेकर राष्ट्रीय हाईकमान तक पुरजोर कोशिश की। शनिवार देर शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वस्त किया था कि उन्हें टिकट के पैनल में शामिल कर केवल दो महिलाओं रीना कश्यप व दयाल प्यारी कश्यप का नाम वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जा रहा है। वहीं देर सायं मिली सूचना के अनुसार भाजपा हाईकमान दयालप्यारी को मनाने के पूरी कोशिश में है और शिमला से दो-तीन मंत्री भी पच्छाद भेजे जा रहे हैं।
दयाल प्यारी पर सीएम की नाराजगी पड़ी भारी
लोकसभा चुनाव के दौरान सराहां में मुख्यमंत्री की जनसभा में मंच पर राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी द्वारा जिला परिषद की सदस्य दयाल प्यारी से हुई धक्का-मुक्की की नाराजगी के कारण दयाल प्यारी को भाजपा को टिकट नहीं मिला। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने दयाल प्यारी को फोन कर मामला पुलिस में न दर्ज करवाने की बात कही थी। मगर दयाल प्यारी ने बलदेव भंडारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया, जिसमें बाद में एससी-एसटी एक्ट लगा। बता दें कि दयालप्यारी कश्यप पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की नजदीकी हैं। इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड रहा है।