लोग बोले, नहीं बढ़े बस किराया
जागरण संवाददाता, नाहन : हिमाचल प्रदेश में सोमवार से प्रस्तावित निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल पर
जागरण संवाददाता, नाहन : हिमाचल प्रदेश में सोमवार से प्रस्तावित निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल पर जिला सिरमौर के लोगों की अलग अलग राय है। जिला सिरमौर के लोगों का कहना है कि सभी को सरकार के सामने अपनी बात रखने का हक है। मगर प्रदेश सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों की माग को अनसुना कर दिया है। सरकार को तीन माह पहले अपनी मागों के बारे ज्ञापन के बाद भी सरकार ने कोई भी निर्णय नहीं लिया है, जो कि निंदनीय है। जिला सिरमौर के लोग नहीं चाहते कि बस किराए में वृद्धि हो। लोगों का कहना है कि लगातार डीजल के बढ़ते दामों के चलते बस ऑपरेटरों को टैक्स में छूट दी जाए और डीजल पर भी सरकार द्वारा टैक्स कम किया जाए। ताकि प्रदेश की जनता पर भी बोझ ना पड़े और ट्रासपोर्टरों को भी नुकसान ना हो। जसपाल सिंह ठाकुर का कहना है कि लगातार डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है, जिसके चलते ट्रासपोर्टरों को बस चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रासपोर्टरों की माग एक हद तक जायज है। मगर प्रदेश सरकार को किराए में वृद्धि न कर ट्रासपोर्टरों को टैक्स में छूट देनी चाहिए।
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बस का किराया बढ़ाए जाने से आम जनता को भारी परेशानी होगी। क्योंकि बसों में सफर आम जनता और गरीब आदमी ही करता है। सुविधा संपन्न आदमी तो अपने वाहनों में सफर करते है। निजी बस ऑपरेटरों की माग को देखते हुए सरकार को उन्हें टैक्स में छूट देनी चाहिए।
-ज्ञान प्रकाश शर्मा, कमराऊ। बस किराया बढ़ने से गरीब जनता पर मार पड़ेगी। प्रदेश में पहले ही दूसरे राज्यों की अपेक्षा बस किराया ज्यादा है। हिमाचल में बस किराया नहीं बढ़ना चाहिए। निजी बस ऑपरेटरों की माग को देखते हुए डीजल के दाम सरकार को कम करना चाहिए।
-बबीता शर्मा, संगड़ाह। जिस तरह डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उसे देखते हुए बस किराये में थोड़ी वृद्धि की जा सकती है, मगर सरकार को आम जनता का भी ध्यान रख कर ही किराये में बढोतरी करनी चाहिए। क्योंकि बसों में आम जनता ही सफर करती हैं।
-देशराज ठाकुर, बजगा पंचायत के पूर्व प्रधान।