बुरांस ने बिखेरी वादियों में लाली
सिरमौर जिला की वादियां बुरांस के फूलों से गुलजार हैं। सराहा, ना
जागरण संवाददाता, नाहन : सिरमौर जिला की वादियां बुरांस के फूलों से गुलजार हैं। सराहा, नौहराधार, राजगढ़, संगड़ाह व हरिपुरधार क्षेत्र में बुरांस रोजगार का एक बड़ा विकल्प भी बन सकता है। सरकार यदि बुरांस के दोहन के लिए कोई कारगर कदम उठाती है तो इससे सरकारी खजाने में जहा भारी इजाफा होगा, वहीं क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान हो सकते हैं।
जिला सिरमौर के संगड़ाह व हरिपुरधार क्षेत्र में सबसे अधिक बुरांस होने के कारण इसे प्रदेश की सबसे बड़ी बुरांस घाटी माना जाता है। क्षेत्र के जंगलों में लगभग 30 फीसद पेड़ बुरांस के हैं। डल्यानु से लेकर चूड़धार तक लगभग 30 किलोमीटर लंबा क्षेत्र हर साल बुरांस के फूलों से गुलजार होता है। हरिपुरधार के अलावा नौहराधार, सराहा व राजगढ़ की वादिया भी बुरांस फूलों से महक उठती हैं। इन वादियों में बुरांस के फूल मार्च, अप्रैल व मई तक सौंदर्य बिखेरते हैं। बुरांस के फूलों से लदी वादियों को देखकर पर्यटकों के चेहरे भी खुशी से खिल उठते हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित न किए जाने, सुविधाओं की भारी कमी व प्रचार व प्रसार के अभाव के चलते कम संख्या में पर्यटक यहा पहुंचते हैं। बुरांस के फूलों में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बुरांस के फूल जहा हार्ट की बीमारी की दवा बनाने के लिए लिए कारगर साबित हो सकते हैं। इसका उपयोग जैम व चटनी बनाने में किया जाता है। जानकारों का कहना है कि बुरांस के दोहन के लिए यदि सरकार कोई प्रोजेक्ट तैयार करती है तो उससे क्षेत्र के सैकड़ो बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान हो सकते हैं।