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चिट्टा चट कर रहा पहाड़ की जवानी

पिछले पांच साल में कितनी हेरोइन व चरस की बरामदगी हो चुकी है। इनकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत क्या है। इनमें से बड़ी बरामदगी कब और कितनी रही हैं। चिट्टा प्रदेश की जवानी को बर्बाद कर रहा है। इसमें युवकों के साथ युवतियां भी नशा कर रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 04:35 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 04:35 PM (IST)
चिट्टा चट कर रहा पहाड़ की जवानी
चिट्टा चट कर रहा पहाड़ की जवानी

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल की जवानी और पानी को बचाने की बात करते आए हैं। लेकिन देवभूमि हिमाचल के युवाओं को अब सिंथेटिक ड्रग्स बर्बादी की ओर ले जा रही है। पहाड़ की जवानी को नशे का रोग लग गया है। प्रदेश में चरस के मामलों में हर साल वृद्धि हो रही है। तस्करों के खिलाफ हर साल सैकड़ों केस दर्ज होते हैं।

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पिछले दस साल में मादक द्रव्य पदार्थो के दर्ज मामले और बरामद चरस इस बात की तस्दीक कर रही है कि प्रदेश में हालत चिंताजनक है। हेरोइन बेशक ग्राम में बरामद की जा रही है पर इसकी मारक क्षमता चरस से कहीं अधिक है। यह चिट्टा का ही एक रूप है। पहाड़ की जवानी को चिट्टा चट कर रहा है। पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के शोध बताते हैं कि शुद्धता के मामले में कुल्लू के मलाणा की क्रीम यानी चरस दुनिया में सर्वश्रेष्ठ आंकी गई है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग ज्यादा है। यही वजह है कि मलाणा क्रीम को हासिल करने के लिए विदेशी तस्कर कुल्लू में सक्रिय रहते हैं। कई तस्कर हाईटेक हो गए हैं। वे इंटरनेट के माध्यम से अपना नेटवर्क स्थापित कर चुके हैं। कुछ मामलों में पुलिस ने तस्करों के कब्जे से लैपटॉप भी बरामद किए हैं। सभी तरह के मादक द्रव्य पदार्थो के वर्ष 2007 में 233 मामले दर्ज हुए थे। इनमें 327 किलोग्राम चरस बरामद की गई थी। वर्ष 2008 में कुल दर्ज 374 मामलों में 417 किलो चरस बरामद हुई। वर्ष 2009 में मादक द्रव्य पदार्थो के दर्ज मामलों की संख्या 473 पहुंच गई। इन मामलों में 685 किलो चरस बरामद की गई। वर्ष 2010 में 596 केस दर्ज किए गए। इनमें 640 किलो चरस बरामद हुई। वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा हेरोइन बरामद

हिमाचल में पिछले आठ वर्षो में 2018 में हेरोइन की सबसे ज्यादा मात्रा बरामद की गई है। पहले हेरोइन ग्राम में बरामद की जाती थी। पिछले साल सात किलो 707 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है। हिमाचल में बरामद नशीले पदार्थ

वर्ष,मामले,चरस,हेरोइन

2011,570,290,495

2012,513,282.1,0

2013,530,316.4,900

2014,644,356,680

2015,622,283,0.393

2016,929,377,0.699

2017,1010,306,3.698

2018,1342,470,7.707

(चरस किलो, हेरोइन ग्राम में) तस्करी कर भारत लाई जाती है हेरोइन

नारकोटिक्स क्राइम की रोकथाम करने वाली एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के अनुसार हिमाचल में एक किलोग्राम चरस 20 से 30 हजार रुपये तक मिल जाती है। तंगहाली में जीवन बसर कर रहे कई लोग इसे सस्ते में बेचते हैं। बिचौलिये चरस को कई गुणा अधिक दाम पर बेचते हैं। अन्य राज्यों तक पहुंचते हुए इसके दाम पांच से 15 लाख रुपये तक और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दोगुने से तीन गुना तक हो जाते हैं। हेरोइन ग्राम में बिकती है। एक ग्राम हेरोइन एक से लेकर तीन हजार रुपये तक बिकती है जो अफगानिस्तान व पाकिस्तान में तैयार होती है। तस्करी के जरिये हेरोइन भारत लाई जाती है। हेरोइन ज्यादातर पंजाब के रास्ते देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचती है।


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