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शिमला में भारी ओलावृष्टि से सड़कें हुईं सफेद, बागवानों को नुकसान

हिमाचल में मौसम ने करवट ली है जिससे लोगों की इस जानलेवा गर्मी से काफी राहत मिली है मौसम विभाग ने यहां तीन दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 04:59 PM (IST)
शिमला में भारी ओलावृष्टि से सड़कें हुईं सफेद, बागवानों को नुकसान
शिमला में भारी ओलावृष्टि से सड़कें हुईं सफेद, बागवानों को नुकसान

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी ओलावृष्टि से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। शिमला के कुफरी में भारी ओलावृष्टि हुई है, इससे बागवानों की सेब की फसल को खासा नुकसान होने की सूचना है। प्रदेश में शुक्रवार दोहपर बाद मौसम ने करवट बदली, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि पहाड़ों में बर्फबारी दर्ज की गई। शिमला और सोलन में देर शाम तेज हवाएं चली, जबकि तेज गर्जना के साथ पूरे प्रदेश में बौछारें गिरी। उधर, मौसम विभाग ने तीन दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

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प्रदेश के लोगों को सचेत रहने को कहा गया है। इस दौरान तेज तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। शुक्रवार को मनाली में दो मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। कांगड़ा सहित कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हुई है। मौसम विभाग ने सभी जिलों में आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। विभाग के जारी पूर्वानुमान के अनुसार 16 मई तक प्रदेश में 50 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चलने के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। 12 मई को छोड़ बाकी दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 

मनाली व लाहुल की चोटियों पर हिमपात

मौसम के करवट बदलते ही रोहतांग सहित मनाली व लाहुल की चोटियों पर बर्फबारी का क्रम शुरू  हो गया है। शुक्रवार सुबह घाटी में धूप खिली, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और बर्फ के फाहे गिरने शुरू हो गए। रोहतांग सहित राहनीनाला, मढी, ब्यासनाला में हल्का हिमपात हुआ। शुक्रवार को रोहतांग दर्रे सहित धुंधी की पहाड़ियों, मनालसू जोत, लाहुल घाटी के लेडी ऑफ केलंग जोत, दारचा की पहाड़ियों में हिमपात हुआ। उधर, बर्फ गिरने से बीआरओ की लेह मार्ग की बहाली की रफ्तार धीमी हो गई है। बीआरओ मनाली से 52 किलोमीटर दूर रोहतांग दर्रे तक पहुंच गया है, लेकिन लाहुल की ओर अभी कोकसर तक ही पहुंच पाया है। मौसम ठीक रहने पर 20 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल कर लाहुल घाटी को कुल्लू से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि मौसम ने उनकी दिक्कतों को बढ़ाया है।

आइए जानें किस अलर्ट का क्या मतलब होता है...

ग्रीन - कोई खतरा नहीं

येलो अलर्ट - खतरे के प्रति सचेत रहें। मौसम विभाग के निदेशक चरण सिंह ने बताया कि येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है।

ऑरेंज अलर्ट - खतरा, तैयार रहें। मौसम विभाग के निदेशक चरण सिंह के अनुसार जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है।

रेड अलर्ट - खतरनाक स्थिति। चरण सिंह ने बताया कि जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है। 

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