आइजीएमसी में भीड़ बढ़ने से थमी एक्स-रे मशीनों की रफ्तार
शिमला के आइजीएमसी में एक्स-रे के लिए लंबी कतारें लग रही हैं जहां दाखिल मरीजों व ओपीडी मरीजों को घंटों खड़े रहकर नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है
शिमला,जेएनएन। शिमला के आइजीएमसी में एक्स-रे के लिए लंबी कतारें लग रही हैं, जहां दाखिल मरीजों व ओपीडी मरीजों को घंटों खड़े रहकर नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है। कई मरीजों का सुबह से लेकर 12 बजे तक एक्सरे करवाने का नंबर नहीं आ रहा है। आइजीएमसी में दाखिल मरीजों और ओपीडी मरीजों के लिए अलग-अलग एक्सरे मशीनें स्थापित की गई हैं। लेकिन मौजूदा समय में मरीजों की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि कुछ मरीज मजबूरन अस्पताल के बाहर जाकर निजी लैब में एक्सरे करवाने पहुंच रहे हैं।
वहीं अस्पताल प्रशासन कहना है कि अस्पताल में भीड़ बढ़ जाने के कारण मशीनों पर बोझ बढ़ रहा है इसलिए मशीन कई बार रूक रूक कर चलती है। इमरजेंसी में सुबह 9 बजे से लेकर 12 बजे तक एक्सरे करवाए जाते हैं। वहीं डी ब्लॉक पर सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे के बाद एक्सरे करवाए जाते हैं। दिन के समय एक्सरे करवाने के लिए रोजाना भीड़ लगी रहती है। वहीं कोरोना काल में यह भीड़ बड़े खतरे को न्यौता दे रही है। अस्पताल में पिछले दिनों मेडिसिन व ऑर्थो वार्ड में कोरोना पॉजिटिव मामले देखने को मिले। ऐसे में बढ़ती भीड़ के कारण संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ रहा है। अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि अस्पताल में भीड़ अधिक बढ़ जाने के कारण एक्सरे मशीन को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ता है ताकि मशीन पर लोड न पड़े। न्यू ओपीडी ब्लॉक में एक्सरे करवाने के लिए मरीजों को इधर उधर नहीं भटकना होगा। ओपीडी के नजदीक की एक्सरे सहित अन्य टेस्ट करवाने की सुविधा होगी। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
अस्पताल में बढ़ाया जाए स्टाफ
तीमारदारों व मरीजों का कहना है कि अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित सीटी स्कैन के टेस्ट के लिए लंबी कतारें लगी रहती हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मशीनों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए ताकि मरीजों को टेस्ट के लिए घंटों इंतजार न करना पड़े। इसके अलावा अस्पताल में मरीजों के बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। दूर दराज के क्षेत्रों से ईलाज करवाने पहुंचे मरीज सफर की थकावट व बीमारी से पहले ही परेशान होते हैं, वहीं अस्पताल पहुंचने पर उन्हें लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है। कई बार मजबूरन फर्श पर बैठना पड़ता है। इसलिए प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों को बैठने के लिए उचित इंतजाम हों।