विश्व पर्यटन दिवस : पर्यटकों को भा रहा हिमाचल का सौंदर्य
हिमाचल की वादिया अन्य राज्यों के लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को भी खूब पसंद आ रही हैं। सुकून के कुछ पल बिताने के लिए पर्यटक देवभूमि का रुख कर रहे हैं।
रविंद्र शर्मा, शिमला : हिमाचल की वादिया अन्य राज्यों के लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को भी खूब पसंद आ रही हैं। सुकून के कुछ पल बिताने के लिए पर्यटक देवभूमि का रुख कर रहे हैं। पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ जाने के बाद विदेशी पर्यटकों ने हिमाचल का रुख किया था, लेकिन अब हिमाचल का नैसर्गिक सौंदर्य व ऐतिहासिक धरोहरें विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही हैं। 10 साल के दौरान 15 करोड़ से अधिक पर्यटक हिमाचल घूम चुके हैं। 2014 को छोड़ दिया जाए तो पर्यटकों की संख्या हर साल करीब छह फीसद बढ़ रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकारें हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए उतना काम नहीं कर पाई, जितना किया जाना चाहिए था। अब भाजपा सरकार को भी इस बात का अहसास हुआ है।
पर्यटन से रोजगार
पर्यटन क्षेत्र से राज्य में 3000 होटल, 10,000 से ज्यादा टैक्सी चालक और हजारों टूरिस्ट गाइड सीधे जुड़े हैं। हिमाचल की जीडीपी में इसे अहम हिस्सा माना जाता है। जीडीपी में पर्यटन का 7.50 फीसद योगदान है। अगर सरकार सही नीति और इरादे से इस क्षेत्र में काम करे तो जहा बेरोजगारी कम हो सकती है। वहीं प्रदेश का खजाना भी भर सकता है
1892 करोड़ से विकासित होगा पर्यटन
नई राहें नई मजिलें योजना के तहत केंद्र सरकार ने हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1892 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट को एशियन विकास बैंक से फंडिंग होगी। इसके तहत चाशल, बीड़ बिलिंग और जंजैहली जैसे अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के डैम में वाटर स्पोर्ट्स और हाउस बोट को शुरू करने की योजना भी है।
ये क्षेत्र होंगे विकसित
मंडी जिले के जंजैहली, शिमला जिले के चाशल क्षेत्र पर 15.12 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। -कागड़ा जिले में बीड़ बिलिंग को 14.62 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। -मार्कंडेय मंदिर और अंबिका माता मंदिर में सामुदायिक हाल तथा जंजैहली, शटाधार, कुथाह, शिकारी माता मंदिर में लगभग 2.70 करोड़ रुपये की लागत से सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जाएगी। - जंजैहली, थुनाग, शिकारी देवी, पुडा केदार, तुंगासी टॉप, थाची के आसपास जंगल में ट्रैंकिंग रास्तों और अस्थायी टेंटों का निर्माण किया जाएगा।
किस साल, कितने पर्यटक आए
वर्ष, भारतीय, विदेशी, कुल
2008 9372697 376736 9749433
2009 11036572 400583 11437155
2010 12811986 453616 13265602
2011 14604888 484518 15089406
2012 15646048 500264 16146332
2013 14715586 414249 15129835
2014 15924701 389699 16314400
2015 17125045 406108 17531153
2016 17997750 452770 18450520
2017 19130541 470992 19601533