सुरक्षित नहीं बचत खाते में ज्यादा पैसा रखना
सेविग बैंक खातों में ज्यादा पैसा रखना सुरक्षित नहीं है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : बैंक के बचत खाते में ज्यादा पैसा रखना सुरक्षित नहीं है। अपनी जरूरत से ज्यादा पैसा बचत खाते में न रखकर उसे फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर सुरक्षित रखें। यह बात प्रदेश पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी ने प्रेस क्लब शिमला और प्रदेश पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से साइबर अपराध एवं सुरक्षा पर यहां आयोजित कार्यशाला के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी अपने नजदीकियों से भी साझा न करें। अभी तक ठगी के जो मामले सामने आए हैं, उनमें जान पहचान वालों ने ही ऐसी घटनाओं को साइबर अपराधियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। बैंक के टोल फ्री नंबरों पर कॉल कर शिकायत करना भी सुरक्षित नहीं है। इन्हें आउटसोर्स किया गया है और इनके जरिये आइएएस अधिकारियों सहित अन्य लोगों से ठगी की गई है। साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं और इसमें नई तकनीक के इस्तेमाल को देखते हुए हिमाचल पुलिस अपने फेसबुक अकाउंट के जरिये लोगों को जागरूक करेगी। इसमें बैंक खाते से पैसे निकालने वाले गिरोह से बचाव के उपाए बताए जाएंगे। एक रुपये की ठगी होती है तो भी अपराधी को गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में ठगी के लिए एक कंपनी तक बनाई गई है और हिमाचल में ठगी को अंजाम दिया गया है। ऐसे ठगों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पैसों के लालच में अपनी जमा पूंजी कई लोग गंवा रहे हैं। डेड़ करोड़ की लाटरी के पैसे हासिल करने के चक्कर में 27 लाख रुपये लुटा दिए गए। वहीं, डीएसपी (साइबर क्राइम) नरवीर राठौर ने साइबर ठगी से बचने के कई उपाय बताए। इस दौरान एसपी (कानून व्यवस्था) खुशाल शर्मा भी उपस्थित थे। बैंक में भरें फार्म, वापस मिलेगी राशि
एसपी (साइबर क्राइम) संदीप धवल ने कहा कि ठगी कर बैंक खाते से ऑनलाइन शॉपिग या पैसों का लेन-देन होने पर धोखाधड़ी का शिकार हुए व्यक्ति को बैंक में जाकर चौबीस घंटे के भीतर रिफंड फार्म भरना चाहिए। यदि व्यक्ति बैंक अधिकारियों को बताए कि संबंधित लेन-देन उसने नहीं किया है और उसके खाते से पैसे कट गए हैं तो उसे राशि वापस मिल जाती है। फेसबुक, वाट्सएप व ई-मेल भी सुरक्षित नहीं है। अनजान व्यक्ति से आने वाले मैसेज को न खोलें तो बेहतर है। साइबर अपराध से संबंधित शिकायत सुबह नौ बजे से शाम छह बजे के बीच 155260 फोन नंबर पर की जा सकती है।