सरकार की अनुमति के बिना खरीद ली हिमाचल में जमीन
भू राजस्व अधिनियम 1972 की धारा 11
रमेश सिंगटा, शिमला
भू राजस्व अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत हिमाचल प्रदेश में गैर हिमाचली व गैर कृषक जमीन नहीं खरीद सकते हैं। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल निवासी संजय मुखर्जी हिमाचल में भूमि के मालिक हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की अनुमति के बिना हिमाचल में जमीन खरीदी है। कुल्लू के कसोल में उनके नाम 17 रजिस्ट्री गैरकानूनी पाई गई हैं। ऐसा राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। विजिलेंस जांच में यह खुलासा हुआ है।
विजिलेंस राजस्व अधिकारियों से पूछताछ करेगी। इसके बाद इनकी गिरफ्तारी होगी। सूत्रों के अनुसार मुखर्जी ने बाघल (अर्की) स्टेट की रानी तारा देवी से वर्ष 1983 में आठ बीघा 18 बिस्वा जमीन जगेरीबाग (अब सोलन जिले में) में खरीदी थी। इसके लिए प्रदेश सरकार से धारा 118 के तहत अनुमति ली गई। इस जमीन को उन्होंने वर्ष 1987 में बेच दिया था। इसके बाद मुखर्जी ने कसोल में कई बीघा जमीन अलग-अलग समय में खरीदी। इसके लिए प्रदेश सरकार से धारा 118 के तहत अनुमति नहीं ली गई। मुखर्जी ने कसोल में वर्ष 1987 में पहली रजिस्ट्री करवाई। इसके बाद मुखर्जी के नाम पर 17 रिजस्ट्री हुई। वर्ष 2016 में अंतिम रजिस्ट्री की गई। राजस्व विभाग के जानकारों की मानें तो तारा देवी से खरीदी गई जमीन के आधार पर कृषक प्रमाणपत्र नहीं बन सकता था। ऐसे में जमीन खरीदने के लिए जाली तरीके से कृषक प्रमाणपत्र बनाया गया था। प्रारंभिक जांच में आरोप साबित
विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में आरोपित पर आरोप साबित हो गए हैं। इसके आधार पर विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने गैर हिमाचली को कसोल में जमीन खरीदने की इजाजत दी थी। अधिकारियों ने अपने पद व शक्ति दोनों का दुरुपयोग किया था। ये हैं निशाने पर
कुल्लू के तत्कालीन तहसीलदार चेतराम कौंडल, पटवारी केशव राम, कानूनगो अमरनाथ, तहसीलदार मदन सिंह पुंडीर व तत्कालीन उप रजिस्ट्रार मोहन सिंह को आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने संजय मुखर्जी को जमीन खरीदने में मदद की। उन्होंने नियमों को दरकिनार कर जमीन की रजिस्ट्री कर बाद में इंतकाल भी चढ़ा दिया। इससे अन्य राज्य का व्यक्ति हिमाचल में जमीन का मालिक बन गया। विजिलेंस के अनुसार आरोपित पांच अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जमीन की खरीद-फरोख्त करने के मामले में अधिकारियों की भूमिका की जांच तेज हो गई है। धारा 118 पर हुआ विवाद
हिमाचल सरकार ने पिछले दिनों धारा 118 के तहत गैर हिमाचली अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चों को प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति देने के निर्देश दिए थे। इस पर विवाद हुआ तो राजस्व विभाग ने अपने निर्देश वापस ले लिए। धारा 118 के तहत मिलती है अनुमति
भू-राजस्व अधिनियम के तहत हिमाचल में गैर कृषकों को आवासीय सुविधा के लिए ही जमीन मिल सकती है। इसके लिए उन्हें औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही सरकार धारा 118 के तहत अनुमति देती है।