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अनुबंध पर आए 1026 जलरक्षक

सिचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जल रक्षकों में से 1026 अनुबंध पर आ गए हैं। इन जल रक्षकों ने विभाग में अपनी ज्चाइनिग दे दी है। लेकिन अभी भी 70 फीसद से अधिक मानदेय पर ही कार्यरत हैं। इससे कहीं खुशी तो कहीं गम जैसा माहौल है। विभाग में 6300 जल रक्षक लंबे अरसे से सेवाएं दे रहे हैं। जिन कर्मियों का सेवाकाल 12 वर्ष पूरा हो गया और दसवीं पास थे वे अनुबंध पर आ गए हैं। अब जल रक्षक संघ ने मुख्यमंत्रर जयराम ठाकुर और आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने गुहार लगाई है कि वह शैक्षणिक योग्यता में छूट देकर शेष को भी अनुबंध पर लाएं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष बली राम शर्मा ने कहा अनुबंध पर आए कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और मंत्री

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:35 AM (IST)
अनुबंध पर आए 1026 जलरक्षक
अनुबंध पर आए 1026 जलरक्षक

राज्य ब्यूरो, शिमला : सिचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जलरक्षकों में से 1026 अनुबंध पर आ गए हैं। विभाग में 6300 जलरक्षक लंबे अरसे से सेवाएं दे रहे हैं। दसवीं पास और 12 साल लगातार सेवाएं देना वाले जलरक्षक अनुबंध पर आ गए हैं। पिछले दिनों सरकार ने इन्हें अनुबंध पर लाने का ऐलान करते हुए शैक्षणिक योग्यता की शर्त भी जोड़ी थी, लेकिन अब भी अधिकतर जलरक्षक सरकार की नीति से बाहर है। दरअसल अधिकतर जलरक्षक शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं करते हैं, ऐसे में जल रक्षक संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से उन्हें छूट देने की गुहार लगाई है।

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संघ के प्रदेशाध्यक्ष बली राम शर्मा ने अनुबंध पर आए कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि शेष जलरक्षकों को भी अनुबंध पर लाया जाए। उन्होंने आग्रह किया कि 12 साल पूरे कर चुके जलरक्षकों को शैक्षणिक योग्यता में छूट दी जाए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने जलरक्षकों का मानदेय भी बढ़ाया। इसके बाद अनुबंध पर लाए जाने की नीति भी बनाई, लेकिन अधिकतर जलरक्षक सरकार की नीति से बाहर हैं। तीन हजार से भी कम मानदेय पर कार्यरत यह कर्मचारी पंचायत के माध्यम से नियुक्त हुए हैं। संघ के अध्यक्ष ने दावा किया कि उनका संगठन एकजुट है और प्रदेश में कोई भी समानांतर संगठन नहीं है।


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