तीन लोगों का परिवार, पानी का बिल पौने चार लाख
शिमला शहर में लाखों रुपये पानी के बिलों पर मचे हंगामे ने और जोर पकड़ लिया है। शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा मल्याणा में तीन लोगों के परिवार को पौनें चार लाख रुपये का बिल थमाया गया है। पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महापौर कार्यालय के बाहर धरना दे दिया। पार्षदों का कहना है कि नगर निगम शहरवासियों को पेयजल बिलों से राहत दिलाने में फेल हो गया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में इन दिनों लोगों की लाखों रुपये के आ रहे पानी के बिलों ने नींद उड़ाई हुई है। बिल हजारों में नहीं, बल्कि लाखों रुपये में आ रहे हैं। ऐसे में बिलों पर मचे हंगामे ने और जोर पकड़ लिया है। ताजा मामले में शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा मल्याणा में तीन लोगों के परिवार को पौने चार लाख रुपये का बिल थमाया गया है। इसके विरोध में पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर महापौर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
उधर, कांग्रेस समर्थित पार्षदों का कहना है कि नगर निगम शहरवासियों को पेयजल बिलों से राहत दिलाने में असफल साबित हुआ है। लोगों को मासिक बिल नहीं मिल रहे हैं। शहर के कई उपभोक्ताओं को लाखों रुपये के पानी के बिल दिए गए हैं। पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि हालत यह हो गई है कि लोगों को अपने घर बेचने तक की नौबत आ गई है। पहले अपनी गलती से शिमला जल प्रबंधन निगम ने भारी बिल लोगों को थमा दिए और अब लोगों के बिल ठीक नहीं किए जा रहे हैं। बिल न देने पर बिजली व पानी काटने की धमकी दी जा रही है। कंपनी लोगों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने शिमला जल प्रबंधन निगम को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानीं तो आमरण अनशन किया जाएगा। कंपनी प्रबंधन पर लगाए आरोप
पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं कि जानबूझ कर लोगों को ये बिल दिए गए हैं। सब्जी मंडी में बिल जमा करवाने के लिए जाने वाले बुजुर्गो से बदसलूकी की जाती है। बिल ठीक करवाने के लिए जब कोई कार्यालय जाता है तो कंपनी प्रबंधन इधर-उधर भटकाने का काम करता है। उन्होंने मांग की है कि बिल काउंटर पर कैमरे लगाए जाएं ताकि काउंटर पर बुजुर्गो से हो रही बदसलूकी की रिकॉर्डिग हो सके। यह रखी मांगें
पूर्व पार्षद ने कंपनी प्रबंधन के समक्ष मांगें रखी हैं। इसमें बिल काउंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, पानी के बिलों को ठीक करने और मर्ज एरिया में पानी की दरों को कम करने की मांग उठाई गई है। इसके अलावा हर माह पानी के बिल देने की मांग पूर्व पार्षद ने उठाई है। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने दिया आश्वासन
ढाई घंटे तक पूर्व पार्षद के धरने पर बैठने के बाद शिमला जल प्रबंधन निगम के महाप्रबंधक धर्मेद्र गिल उनसे बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि बिलों को ठीक करने के लिए लोग जेई के पास जा सकते हैं। जेई बिलों को ठीक करेगा। यदि वह बिल ठीक नहीं करता तो एसडीओ के पास जाकर अपनी शिकायत कर सकते हैं। फरवरी से हर दो माह के बिल एक साथ दिए जाएंगे।
बिलों की शिकायत सुनने के लिए दो एसडीओ
शिमला जल प्रबंधन निगम ने अधिक बिलों की शिकायत सुनने के लिए दो एसडीओ को नियुक्त किया है। एक एसडीओ रिज मैदान पर बैठेंगे और दूसरा संजौली में। सुबह से दोपहर तक दोनों एसडीओ बिलों से संबंधित शिकायतें सुनेंगे।