सीएम के बयान पर तल्ख विपक्ष का वाकआउट
विपक्ष ने बुधवार को ज्यादा उछलोगे तो बाहर जाओगे मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य और विधायक निधी की राहत राशि के चैक पर अप्रैल 2019 की तारिख डालने के मामले को उठाने पर कार्रपाई न करने के विरोध में सदन से दो बार वाकआउट किया।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को विपक्ष ने दो बार वाकआउट किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान पर विपक्षी सदस्य तल्ख हुए। मुख्यमंत्री ने वक्तव्य दिया था कि ज्यादा उछलोगे तो बाहर जाओगे। वहीं, विधायक निधि के तहत राहत राशि के चेक पर अप्रैल 2019 की तिथि डालने का मामला उठाने पर कार्रवाई न करने के विरोध में विपक्षी सदस्य सदन से बाहर गए।
मुख्यमंत्री बजट पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पर टिप्पणी की कि वह इस बार के बजट पर चर्चा करने की अपेक्षा पुराने बजट को लेकर ही कहते रहे। मुख्यमंत्री एक वर्ष की उपलब्धियों का ब्योरा देने लगे। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि नए बजट के संसाधनों और उधार से घी पीने पर बात करें। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष में कई बार टकराव हुआ। मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों ने कहा कि क्या अब विपक्ष निर्णय लेगा कि सीएम को क्या कहना है? मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर टिप्पणी की कि सदन में जो ज्यादा उछलता है, बाहर चला जाता है। ज्यादा उछलोगे तो इस बार जो सदन में नजर नहीं आ रहे हैं, उनकी तरह बाहर चले जाओगे। इस पर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसा कहने वाले आप कौन होते हो? जनता ने हमें चुनकर भेजा है। पूरा विपक्ष उठकर नारेबाजी करता हुआ सदन से बाहर चला गया। जयराम ने विपक्ष की गैरमौजूदगी में वक्तव्य दिया।
एसडीएम ने जारी कर दिए अगले वित्त वर्ष के तीन चेक
-हर्षवर्द्धन ने उठाया मामला, कहा, विधायक निधि के चेक गलत दिए गए
-विशेषधिकार हनन का नोटिस दिया
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प्रश्नकाल के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्द्धन चौहान ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत अपनी ऐच्छिक निधि से जुड़ा मामला उठाया। हर्षवर्द्धन ने कहा कि उन्होंने लोगों को राहत देने के लिए विधायक निधि के तहत 50 हजार रुपये मंजूर किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीएम ने विधायक निधि के तहत 15-15 हजार व 20 हजार रुपये के तीन चेक पांच अप्रैल, 2019 के जारी कर दिए। अगले वित्त वर्ष के चेक जारी करना गलत है। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। विपक्ष ने इसे विधायक व संस्थान का अपमान बताया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव ¨बदल ने कहा कि आप कम से कम नोटिस तो देते। हर्षवर्द्धन ने कहा कि नोटिस दे दिया है। बोलने का मौका न मिलने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री खड़े हो गए। इससे हंगामा मच गया। दोनों पक्षों में शोरगुल शुरू हो गया। हर्षवर्द्धन ने कहा कि यह विधायक व संस्थान की स्वायत्तता का मामला है। संबंधित अधिकारी के खिलाफ विधानसभा की विशेषाधिकार हनन समिति को यह मामला भेजा जाना चाहिए। सदन में मामला आगे बढ़ता हुआ शिलान्यासों व उद्घाटनों की सियासत तक पहुंच गया। दोनों पक्षों में जोरदार हंगामा हुआ जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह भी कूद पड़े। नौबत यहां तक आई कि हर्षवर्द्धन और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बाद में विपक्ष ने चंद मिनट के लिए वॉकआउट कर दिया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूरे घटनाक्रम पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के आसन पर अंगुली उठाना और सदन के पटल पर रखे कागज वापस मांगना सही नहीं है। उनकी सिरमौर के उपायुक्त से बात हुई है। उपायुक्त ने स्वीकार किया है कि दो चेक जारी करने में गलती हुई है। दोनों चेक दुरुस्त कर जारी कर दिए हैं। तीसरे चेक के विषय में जानकारी हासिल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा जब वह विधायक थे तो उनके क्षेत्र में ट्रकों से पट्टिकाओं को तोड़ा गया था। हम शिकायत करते थे लेकिन सुनी नहीं जाती थी।
मुकेश बोले, मेरा नाम हटाकर दोबारा कार्ड छापे
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने उनके विस क्षेत्र हरोली में फूड पार्क के उद्घाटन समारोह में स्थानीय विधायक को निमंत्रण न देने का मामला उठाया। मुकेश ने कहा कि कार्ड छापने के बाद उनका नाम हटाकर दोबारा कार्ड छापे गए। उन्होंने इसकी जांच की मांग उठाई।
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