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बाढ़ से नुकसान पर चर्चा न होने पर विपक्ष का वॉकआउट

प्रदेश में बादल फटने व बाढ़ से हुए नुकसान पर काम रोको प्रस्ताव में चर्चा न करने का विरोध करते हुए सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:59 PM (IST)
बाढ़ से नुकसान पर चर्चा न होने पर विपक्ष का वॉकआउट

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान पर काम रोको प्रस्ताव में चर्चा न करने का विरोध करते हुए सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की गैरहाजिरी में प्रश्नकाल हुआ। उसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन में लौटे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बरसात की वजह से बहुत अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों सड़कें अभी भी बंद हैं। प्रदेश में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार राहत प्रदान करने और आपदा से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रही है। इसलिए चर्चा से बचने के लिए यह सब किया जा रहा है।

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शनिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों जगत सिंह नेगी, नंदलाल और मोहन लाल ब्राक्टा ने काम रोको प्रस्ताव लाया। विपक्ष के मुख्य सचेतक जगत नेगी ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत बादल फटने और बाढ़ से नुकसान पर चर्चा की मांग उठाते हुए नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिदल ने इस पर चर्चा करवाने से इन्कार कर कहा कि पहले इस पर दो बार चर्चा हो चुकी है। विपक्ष मौजूद नहीं रहा, लेकिन चर्चा हो चुकी है। आज ही नियम 62 में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया है उसमें उठा देना। विपक्ष इससे नाराज हो गया और अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए। बादल फटने, बाढ़ से प्रदेश की स्थिति बहुत खराब : मुकेश

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार की विफलता का मुद्दा है और इसलिए वह चर्चा न कर इससे बच रही है। बादल फटने और बाढ़ की वजह से प्रदेश की स्थिति खराब है। मृतकों के परिजनों को राहत राशि तक नहीं मिली है। सड़कें को खोलने और राहत प्रदान करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। केंद्र से मांगी जाएगी हरसंभव सहायता : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन को बताया कि बरसात के दौरान 51 लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश से 1138 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। ये नुकसान और भी बढ़ेगा, जब सभी विभागों की बरसात से नुकसान की आकलन रिपोर्ट आएगी। केंद्र की टीम जल्द ही बरसात से नुकसान का जायजा लेने के लिए आएगी। हिमाचल नुकसान की भरपाई की हरसंभव मदद मांगेगा। जहां नुकसान हुआ, वहां उचित सहायता के लिए प्रयास किए जाएंगे।


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