रामपुर में मतगणना के आरंभ से ही नहीं संभल पाई कांग्रेस
लोकसभा चुनावों में पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस प्रत्याशी को इतनी बुरी हार का सामना करना पड़ा हो। वीरवार सुबह हुई मतगणना में आरंभ से ही कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा को बढ़त नहीं मिल पाई। कांग्रेस समर्थित क्षेत्रों से भी इस बार भाजपा को बढ़त मिली है।
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : लकसभा चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस प्रत्याशी को इतनी बुरी हार का सामना करना पड़ा हो। वीरवार सुबह हुई मतगणना में आरंभ से ही कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा को बढ़त नहीं मिली। कांग्रेस समर्थित क्षेत्रों से भी भाजपा को बढ़त मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को लोगों ने मन से पसंद करते हुए इस बार मतदान किया है और भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा को 11550 मतों की बढ़त दिलाई। भाजपा कार्यकर्ता भी बढ़त का दावा नहीं कर रहे थे, परन्तु मुकाबला कड़ा होने की चर्चा चुनाव से पूर्व रही।
लोकसभा चुनाव में सबसे रोचक और चौकाने वाली बात यह रही कि रामपुर के विधायक अपने गृह क्षेत्र से कांग्रेस को बढ़त नहीं दिलवा पाए हैं। इसके अलावा कुछ दिन पूर्व कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व बागवानी मंत्री सिघी राम ने दो सप्ताह में पूरी मेहनत से भाजपा के लिए प्रचार किया और कई क्षेत्रों से लोगों को भाजपा के पक्ष में मतदान करवाने में कामयाब भी रहे। क्योंकि कांग्रेस मंडल रामपुर उन्हें अकसर कमजोर समझती रही और यही एक बड़ी गलती कांग्रेस को अब की बार रामपुर में महंगी पड़ी। इस बार सिघी राम के आने से भाजपा में भी नई उर्जा आई और ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मेहनत भी की।
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शुरू से बिछड़ गए थे आश्रय शर्मा
मतगणना के पहले राउंड में ही आश्रय शर्मा 1360 मतों से, दूसरे राउंड में 2409 से, तीसरे राउंड में 3163, चौथे राउंड में 4292 से, पांचवें राउंड में 5041 से, छठे राउंड में 6352 से, सातवें राउंड में 7301 से, आठवें राउंड में 8970 से, नौवें राउंड में 9574 से, दसवें राउंड में 10965 से और 11वें राउंड में 11550 मतों से पिछड़ते चले गए।
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