शिमला, राज्य ब्यूरो। किसी भी देश क अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कृषि, उद्योग और सर्विस सेक्टर महत्वपूर्ण होते हैं। केंद्र सरकार ने इन तीनों सेक्टर को मजबूत करने के लिए बजट में प्रावधान किया है। सर्विस सेक्टर में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी मूलभूत सुविधाएं शामिल होती है। बजट को लेकर प्रदेश विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में इस सभी
क्षेत्रों को ध्यान में रखा है। बजट में घोषित योजनाओं से हिमाचल की 90 आबादी को लाभ मिलेगा।
बजट में आठ लाख गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की बात कही गई है, किसान कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ के फंड का ऐलान सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने, बांस को वन क्षेत्र से अलग किया, किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालकों को भी दिए जाने की बात कही गई है। इन सब योजनाओं का हिमाचल की जनता को भी कहीं न कहीं लाभ जरूर मिलेगा।
केंद्र सरकार का बजट अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले दो साल के भीतर इस बजट के सकारात्मक परिणाम नजर आने शुरू हो जांएगे। भले ही बजट में हिमाचल के लिए विशेष योजना नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने पूरे देश के लिए जो बजट दिया है उससे सभी को लाभ होता दिखाई दे रहा है। बजट में चाइना तक सड़क मार्ग पहुंचाने की बात कही गई है ऐसे में जब यह सड़क बन कर तैयार होगा तो इससे प्रदेश में पर्यटकों का फ्लो भी बढ़ेगा। जब पर्यटकों की आमद बढ़ेगी तो प्रदेश में होटल उद्योग को भी फायदा होगा साथ ही प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य है जबकि दूसरे राज्यों को पर्यटन के लिए क्षेत्रों का विकसित करना पड़ेगा।
प्रो. चंदेल ने कहा कि बजट में हिमाचल अकेला अछूता राज्य है। यह जरूर है कि कर्मचारी वर्ग केंद्र सरकार से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें लगाए बैठे थे इसलिए जो मिला है वो भी नजर नहीं आ रहा है। केंद्र ने किसानों को कृषि में लागत से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का एलान किया है। मछली उत्पादन को भी इसी दायरे में लाया गया है और प्रदेश में मछली उत्पादन भी काफी लोग करते हैं। ऐसे में इस योजना का लाभ मछली पालन करने वाले लोगों को भी मिलेगा। केंद्र सरकार ने एक बड़े वर्ग को फायदा न पहुंचा कर सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ दिया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में निर्धारित किए गए लक्ष्यों को लेकर ही बजट तैयार किया है, इसे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है।
उम्मीदों के अनुरूप नहीं बजट : राजीव सूद
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए में हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में कुछ खास नहीं है। केंद्रीय बजट को लेकर सीए राजीव सूद का कहना है कि यह ऐसा पहला बजट होगा, जिसमें रेल बजट को अलग से पेश करने की बजाय इसी में शामिल कर दिया गया। इस बजट में कहीं पर भी हिमाचल के लिए किसी योजना कोई जिक्र नहीं किया गया है। चाहे वो किसान या उद्योगपति किसी के लिए भी बजट में कोई योजना नहीं है। बजट में प्रदेश के लिए न तो औद्योगिक पैकेज बढ़ाने के लिए भी कुछ नहीं किया गया है। बजट में 250 करोड़ रुपये तक की टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसद टैक्स देने की बात कही गई, लेकिन हिमाचल में ऐसे उद्योग काफी कम है, जिनकी इतनी टर्नओवर हो। ऐसे में हिमाचल के उद्योगों को इससे कोई फायदा नहीं है।
रेलविस्तार को लेकर कुछ नहीं है, विशेष औद्योगिक पैकेज के लिए कोई निर्णय नहीं है। बजट में धार्मिक -पर्यटन शहरों के लिए हेरिटेज सिटी स्कीम का जिक्र किया गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का इस स्कीम में कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसके लिए स्मार्ट सिटी के लिए 99 शहर चुने गए। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार तय बजट का केवल तीन फीसद बजट ही खर्च कर पाई है। सूद ने कहा कि मजेदार बात यह है कि हर साल बजट तो पेश किया जाता है, लेकिन बजट में पिछले बजट को कोई लेखा जोखा नहीं होता है। इस बजट में सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का ऐलान किया गया है, जोकि एक अच्छा निर्णय है, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है कि फसल की बुआई में आने वाली लागत का कैसे और कौन सी एजेंसी आकलन करेगी। ऐसे में इसका लाभ किसानों को कब मिलेगा इसका कुछ नहीं पता।
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