नेरवा: भीषण अग्िनकांड में दुकान और एचआरटीसी कार्यालय का रिकॉर्ड जला; होमगार्ड और चौकीदार झुलसे
Homeguard Injured in Fire incident जिला शिमला के उपमंडल चौपाल के नेरवा में बुधवार देर रात बस स्टैंड में करियाना की दुकान में आग लग गई।
नेरवा, जेएनएन। जिला शिमला के उपमंडल चौपाल के नेरवा में बुधवार देर रात बस स्टैंड में करियाना की दुकान में आग लग गई। आग बुझाते एक होमगार्ड और एचआरटीसी का चौकीदार बुरी तरह से झुलस गया। अग्िनकांड में करियाने की दुकान सहित एक ढाबा और हिमाचल पथ परिवहन निगम के कार्यालय का कुछ रिकॉर्ड भी जल गया। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। रात करीब एक बजे कलीमूदीन की दुकान में भड़की आग इतनी तेजी से फैली कि साथ लगते पथ परिवहन निगम के कार्यालय तक पहुंच गई। परिवहन निगम के चौकीदार ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग व पुलिस को दी। नेरवा चौकी से होमगार्ड और पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
दुकान का शटर तोड़ते समय अंदर रखा सिलेंडर फट गया और इसकी चपेट में होमगार्ड व परिवहन निगम का एक चौकीदार आ गया। होमगार्ड रोशन व चौकीदार रविंद्र को गंभीर चोटें पहुंची हैं। रविंद्र की छाती में सिलेंडर का कड़ा एवं सिर में लोहे के टुकड़े लगने से चोट लगी है। घायल रविंद्र को नेरवा अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद आइजीएमसी शिमला रेफर कर दिया है। अग्निकांड में करीब पांच लाख रुपये का नुकसान आंका गया है। इस दौरान करीब 50 लाख रुपये की संपत्ति को जलने से बचा लिया।
नायब तहसीलदार नेरवा अरुण कुमार ने प्रभावित दुकानदार, दुकान मालिक एवं घायल को प्रशासन की तरफ से पांच-पांच हजार रुपये बतौर फौरी राहत राशि प्रदान की है। राजस्व विभाग की टीम आग से हुए नुकसान का आकलन करने में जुट गई है। डीएसपी चौपाल वरुण पटियाल ने बताया कि नेरवा थाना में मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस और होमगार्ड के प्रयास से टला बड़ा हादसा
आग पर जल्द काबू न पाया जाता तो यह काफी ज्यादा नुकसान कर सकती थी। समीप ही परिवहन निगम का तीन हजार लीटर डीजल रखा था। इसके अलावा करीब 15 बसें भी खड़ी थीं। घटनास्थल के समीप परिवहन निगम का कार्यालय भी है। निगम कर्मियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए कार्यालय से फर्नीचर व रिकॉर्ड बाहर निकाल लिया व बसों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
समय पर नहीं पहुंचा अग्निशमन विभाग
निगम के वरिष्ठ निरीक्षक एवं कार्यकारी क्षेत्रीय प्रबंधक रतन शर्मा ने बताया कि फायर ब्रिगेड को रात एक बजे फोन कर दिया था, लेकिन गाड़ी करीब पौने चार बजे घटनास्थल पर पहुंची। तब तक पुलिस एवं परिवहन निगम के कर्मचारी आग पर काबू पा चुके थे। उनका आरोप है कि यदि अग्निशमन विभाग समय पर पहुंच जाता तो नुकसान कम होता।