शर्मनाक, माता-पिता ने छोड़ा; दो मासूमों को टैंक में गुजारनी पड़ी रातें
संजौली में दो मासूम बच्चे सूखे वाटर टैंक में रहने का मजबूर हो गए क्योंकि दानों बच्चों के माता-पिता उन्हें छोड़कर कहीं चले गए।
शिमला, जेएनएन। कर्फ्यू में जहां लोग घर में रह रहे हैं वहीं संजौली में दो मासूम सूखे वाटर टैंक में रहने के लिए मजबूर थे। क्योंकि दोनों बच्चों के माता-पिता छोड़कर कहीं चले गए हैं। इन बच्चों को उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने पुलिस के साथ रेस्क्यू करवा रॉकवुड स्थित बाल आश्रम में भेज दिया है। मंगलवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी एसजेवीएन के अधिकारी सनी सराफ ने अजय श्रीवास्तव को जानकारी दी थी। सनी सराफ ने बच्चों के खाने व कपड़ों का प्रबंध कर रहे थे।
संजौली की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान में भूमिगत सूखे पानी के टैंक में रह रहे दो नेपाली मूल के बच्चों को मंगलवार रात 12 बजे रेस्क्यू किया गया। दोनों बच्चों कर्फ्यू से पहले से पानी के टैंक में रात गुजार रहे थे। मासूम बच्चों के माता-पिता ने कहीं अलग-अलग शादी कर ली है। लिहाजा अनाथ होने पर उन्हें रहने के लिए यह जगह सबसे सुरक्षित लगी। दोनों बच्चे अपनी उम्र 10 वर्ष और 11 वर्ष बता रहे हैं। कर्फ्यू में दौरान कमेटी सदस्यों को किसी को बाहर निकालने की अनुमति नहीं है। फोन आने पर शिकायतकर्ता को गाइड था कि पुलिस या चाइल्ड लाइन में संपर्क करें ताकि बच्चों का रेस्क्यू किया जा सके।
जीके शर्मा, अध्यक्ष चाइल्ड वेलफेयर कमेटी।
सूचना मिली थी कि दो बच्चे संजौली में सूखे पानी के टैंक में रह रहे हैं। दोनों बच्चों को रेस्क्यू करके बाल आश्रम रॉकवुड पहुंचा दिया गया है। बच्चों के माता-पिता की तलाश जारी है।
-ओमापती जम्वाल, पुलिस अधीक्षक शिमला।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने रेस्क्यू करने में जताई असमर्थता
अजय श्रीवास्तव ने जब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के जिला अध्यक्ष जीके शर्मा से बच्चों को रेस्क्यू करने का अनुरोध किया तो जीके शर्मा ने असमर्थता जताते हुए चाइल्ड लाइन या पुलिस को फोन करने की सलाह दी। इस पर अजय श्रीवास्तव ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर से अनुरोध किया। प्रवीर ठाकुर के आदेश पर ढली के एसएचओ राजकुमार व एएसआइ मोहिंदर सिंह ने रात 12 बजे दोनों बच्चों को रेस्क्यू किया। प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बच्चों की मदद करने पर सनी सराफ की सराहना की है वहीं आधी रात को बच्चों को रेस्क्यू करने पर ढली पुलिस की कार्रवाई को अत्यंत सराहनीय करार दिया है। बच्चों के माता-पिता के मिलने तक बच्चे बाल आश्रम में रहेंगे।