बिना विकल्प दिए नहीं होगा कर्मचारी का तबादला
राज्य ब्यूरो, शिमला : कर्मचारियों के तबादलों पर राज्य सरकार सख्त हो गई है। विकल्प दिए बगैर कि
राज्य ब्यूरो, शिमला : कर्मचारियों के तबादलों पर राज्य सरकार सख्त हो गई है। विकल्प दिए बगैर किसी भी कर्मचारी का तबादला नहीं होगा। इस सिलसिले में कठिन, दुर्गम, अत्यंत दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव की ओर से जारी यह निर्देश सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों को प्रेषित किए गए हैं। अब इन क्षेत्रों में कर्मचारी तभी रिलीव होंगे, जब रिलीवर ज्वाइन कर लेगा।
कर्मचारियों के तबादलों को लेकर 2013 में कंप्रेहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल तैयार किए थे। उसी साल कार्मिक विभाग की ओर से ऑफिस मेमोरेंडम भी भेजा गया था, लेकिन मौजूदा सरकार के नोटिस में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इन निर्देशों की अवहेलना की गई है। जनजातीय, कठिन, दुर्गम क्षेत्रों से कर्मचारी बिना रिलीवर दिए सामान्य इलाकों के लिए ट्रांसफर हो रहे हैं। नतीजतन इनमें कर्मचारियों के हजारों पद खाली हो गए हैं। नए निर्देशों में कहा गया कि खासकर कबायली क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों के बड़े पैमाने पर पद रिक्त हो गए हैं। कर्मचारी किसी न किसी रूप में यहां से दूसरी जगह जा रहे हैं। जहां से ये बदले जा रहे हैं, वहां के कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ है। इसे देखते हुए अब नए निर्देश जारी करने पड़े हैं। देखना ये होगा कि सरकार के इन आदेश का कितना पालन होगा।
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क्या कहा था मुख्यमंत्री ने
तबादलों पर बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई थी। तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कहा था कि तबादले न आप रोक पाएंगे और न हम। उन्होंने दावा जताया था कि पूर्व सरकार ने रिकॉर्ड तबादले किए थे। इसकी तुलना में वर्तमान सरकार ने काफी कम तबादले किए हैं।
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सरकार बनाने, बिगाड़ने में भूमिका
प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में कर्मचारियों की भूमिका अहम रहती है। यहां स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है। अढ़ाई लाख के आसपास तो नियमित कर्मचारी ही हैं।