राजधानी में दिनभर रेंगते रहे वाहन
वार को जाम लगा रहा। अस्पताल में छुट्टी के बाद हफ्ते का पहला वर्किंग डे होने की वजह से मरीजों को लाने वाली ऐंबुलेंस टैक्सियां और मालरोड ले जाने वाली बसों की आवाजाही रही। आईजीएमसी से कैंसर अस्पताल तक वाहन दिनभर धीमी रफ्तार में चलते रहे। वाहनों की धीमी रफ्तार अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनी रही। जाम इतना
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) के बाहर सोमवार को जाम लगा रहा। अस्पताल में छुट्टी के बाद हफ्ते का पहला वर्किंग डे होने के कारण मरीजों को लाने वाली एंबुलेंस, टैक्सियां और मालरोड ले जाने वाली बसों की आवाजाही रही। इस कारण आइजीएमसी से कैंसर अस्पताल तक वाहन दिनभर धीमी रफ्तार में चलते रहे। वाहनों की धीमी रफ्तार अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनी रही। जाम इतना बढ़ गया था कि सड़क के दोनों ओर लोगों के चलने के लिए जगह नहीं बची थी। पैर व टांग दर्द के मरीज काफी देर तक वाहनों के हटने का इंतजार करते दिखाई दिए। ट्रैफिक समस्या ने मरीजों का मर्ज और बढ़ा दिया। वहीं कार्ट रोड से अस्पताल पहुंचने के लिए वाहनों को अधिक समय लग रहा था।
दूसरी ओर ऑकलैंड टनल के भीतर सड़क पर खोदाई होने से भी यातायात व्यवस्था प्रभावित रही। टनल की सड़क में गड्ढे पड़ गए थे। इन्हें भरने के लिए लोक निर्माण विभाग ने कार्य शुरू किया था। औजारों की सहायता से सड़क पर लगी कोबाल टाइलें निकालकर बजरी और रेत भर दी गई। इस कारण के चलते सुबह 11 से दोपहर बाद तीन बजे तक वाहन रेंगते रहे। संजौली, आइजीएमसी, लक्कड़बाजार बस स्टैंड, टूटीकंडी की ओर आवाजाही करने वाले कॉलेज छात्रों और अन्य स्थानीय लोगों को बेहद परेशानी झेलनी पड़ी। जाम की समस्या इस तरह बढ़ गई थी कि टनल से लेकर आइजीएमसी के नए ओपीडी ब्लॉक तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। हालांकि ट्रैफिक पुलिस रास्ते को खुलवाने में जुटी थी। यातायात सेवा दुरुस्त करने के लिए कुछ समय के अंतराल के बाद गाड़ियों को दोनों तरफ से बारी-बारी भेजा गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि खोदाई का कार्य विभाग को छुट्टी वाले दिन कर लेना चाहिए था ताकि वर्किंग डे पर लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत पेश न आए।
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चौक बनने से मिलेगी थोड़ी राहत
आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि अस्पताल के बाहर जाम न लगे इसके लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से गोल चक्कर निर्माण करना प्रस्तावित है। वाहनों के यूटर्न के लिए बनने वाले चौक से जाम की समस्या से निजात जरूर मिलेगी। इससे संजौली और लक्कड़बाजार की तरफ से आने वाले वाहन गेट के भीतर न आकर बाहर खड़े होंगे और मरीजों को वहीं उतारकर वापस भेजे जाएंगे।