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सार्वजनिक परिवहन के बावजूद जाम का नहीं समाधान

राजधानी शिमला की केवल नौ फीसद आबादी ही निजी वाहनों के माध्यम से सफर करती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 09:29 AM (IST)
सार्वजनिक परिवहन के बावजूद जाम का नहीं समाधान
सार्वजनिक परिवहन के बावजूद जाम का नहीं समाधान

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला की केवल नौ फीसद आबादी ही निजी वाहनों के माध्यम से सफर करती है। वहीं, हर रोज शहर की 45 फीसद आबादी सार्वजनिक वाहनों के जरिये सफर कर रही है। इसके बावजूद शहर में पार्किंग की समस्या सबसे अधिक है। जिला प्रशासन ने नए वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी है। केवल उन्हीं वाहनों को पंजीकरण हो रहा है, जहां पार्किंग की सुविधा है। वर्ष 2013 से सिटी मोबलिटी प्लान बना है। लेकिन अभी तक लागू ही नहीं हो पा पाया है। सिटी मोबलिटी प्लान अगर शहर में लागू नहीं किया गया तो वर्ष 2031 में निजी वाहनों का इस्तेमाल करने वाली आबादी 31 फीसद हो जाएगी। इससे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बदतर होगी। इसके साथ ही शहर के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। शिमला शहर में 48 प्रतिशत चौपहिया वाहन व 18 प्रतिशत दोपहिया वाहन हैं। कुल पंजीकृत वाहनों का केवल दो फीसद सार्वजनिक परिवहन के अंतर्गत है, जो 49 फीसद कुल चक्कर लगाते हैं, जबकि 42 फीसद वाक ट्रिप शामिल हैं। शिमला शहर में बिगड़ती व्यवस्था को लेकर अब सिटी मोबलिटी प्लान के लागू करने की मांग उठती जा रही है। मगर सरकार एवं नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण भारी दिक्कतों को सामना करना पड़ा रहा है।

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शहर में यातायात जाम से जनता परेशान

शहर में ट्रैफिक की बदतर व्यवस्था के कारण जाम लगना आम बात हो गई है। सुबह से लेकर शाम तक जाम से शिमला की जनता त्रस्त है। लोगों को गंतव्य तक पहुचने के लिए घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। इसके साथ ही पार्किंग की सुविधा न होने के कारण पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भारी परेशानी होती है। दिन प्रतिदिन ट्रैफिक व्यवस्था चुनौती बनती जा रही है। नगर निगम शिमला ने 10000 वाहनों से अधिक की क्षमता की पार्किंग के लिए 71 स्थानों को चिह्नित किया था। इसके लिए हिमाचल प्रदेश अधोसंरचना बोर्ड के माध्यम से सार्वजनिक निजी सहभागिता मोड में पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला के नए ओपीडी खंड में 350 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, जो पूरी तरह आइजीएमसी के लिए होगी। शिमला में 77 हजार से अधिक पंजीकृत वाहन, 1769 स्ट्रीट पार्किंग (येलो मार्किंग) और 512 ऑफ स्ट्रीट पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया था, मगर आज तक कार्य आवंटन नहीं हो सका।

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यह है सिटी मोबलिटी प्लान

सिटी मोबलिटी प्लान में शिमला में रोपवे और ट्रांसपोर्ट प्लान बनाया है। इसके तहत शिमला जिला के सभी टूरिस्ट प्वाइंटों के लिए विभिन्न ट्रैफिक फ्लो डायग्राम तैयार किया गया है। इसमें शिमला के सभी प्रसिद्ध मंदिरों व पर्यटक स्थलों को रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ कुफरी, फागू, नारकंडा, मशोबरा, नालदेरा आदि के लिए भी ट्रैफिक फ्लो डायग्राम तैयार किया गया है। इसके साथ ही एस्कलेटर भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगने प्रस्तावित हैं। शहर में कई वैकल्पिक सड़कें बनाई जाएंगी, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त पर्यटक शिमला में रोपवे से एक से दूसरे मंदिर व पर्यटक स्थल तक जा सकेंगे।


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