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लोगों ने जाम लगाया, शिक्षा मंत्री को झेलना पड़ा गुस्सा

झंझीड़ी में हादसे के बाद क्षेत्र के लोगों का गुस्सा चरम पर आ गया। वाहनों को अवैध तरीके से सड़क के दोनों पार्क किया था। हादसे के तुरंत बाद बिहार गांव से लेकर झंझीड़ी क्षेत्र के लोग खलीणी पहुंच गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 08:21 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 08:21 PM (IST)
लोगों ने जाम लगाया, शिक्षा मंत्री को झेलना पड़ा गुस्सा
लोगों ने जाम लगाया, शिक्षा मंत्री को झेलना पड़ा गुस्सा

जागरण संवाददाता, शिमला : झंझीड़ी में बस हादसे के बाद क्षेत्र के लोगों का गुस्सा चरम पर आ गया। दुर्घटनास्थल पर वाहनों को अवैध तरीके से सड़क के दोनों ओर पार्क किया गया था। हादसे के तुरंत बाद बिहार गांव से लेकर झंझीड़ी क्षेत्र के लोग खलीनी पहुंच गए। उन्होंने 20 मिनट तक यातायात जाम कर खलीनी-शिमला मुख्य सड़क को बंद रखा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा।

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सुरेश भारद्वाज सबसे पहले आइजीएमसी पहुंचे। उन्होंने घायलों को जल्द उपचार देने के लिए किए जा रहे कार्यो की निगरानी की। इसके बाद उन्होंने खलीनी जाकर लोगों का गुस्सा शांत करने का प्रयास किया। लेकिन लोग किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। मंत्री व जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा। मंत्री ने काफी देर तक उन्हें समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद लोगों ने उनके खिलाफ ही गुस्सा निकालना शुरू कर दिया। लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। प्रशासन के अधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। माहौल बिगड़ता देख शिक्षा मंत्री पुलिस अधीक्षक के वाहन में बैठकर वहां से वापस आए। वहीं, मंत्री के आश्वासन के बाद लोग मुख्य सड़क से हट गए लेकिन बाद में झंझीड़ी सड़क को बंद कर दिया। तीन घंटे तक लोग सड़क किनारे पार्क वाहनों से नाराज दिखे। उन्होंने प्रशासन से सड़क पर नो पार्किंग जोन घोषित करने, सड़क पर बड़े वाहनों की एंट्री पर रोक लगाने व सड़क के कब्जे छुड़वाने की मांग की। प्रशासन की ओर से एडीएम (प्रोटोकोल) नरेश ठाकुर अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से काफी समय तक वार्ता की। लेकिन लोग मांगें न माने जाने तक रास्ता खोलने के लिए तैयार नहीं थे। लोगों को सड़क पर नो पार्किंग जोन घोषित करने व अन्य मांगों को भी मानने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन समाप्त किया। वहीं, आइजीएमसी में भी डॉक्टरों से लेकर अन्य कर्मचारियों को घायलों के इलाज के दौरान लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा। हरकत में आया प्रशासन व पुलिस

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन व पुलिस हरकत में आई। शिमला के डीसी अमित कश्यप व एसपी ओमापति जम्वाल सहित प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने घायलों को आइजीएमसी पहुंचाया और वहां उन्हें मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं पर नजर रखने के लिए पहुंचे। ये हुए घायल

हादसे में 12 वर्षीय शरीन पुत्री पुष्पेंद्र ठाकुर निवासी झंझीड़ी (खलीनी), 13 वर्षीय अनुषी पुत्री अनिल शर्मा निवासी बिहार गांव (रझाणा) शिमला] 14 वर्षीय रितिका पुत्री हरीश चंद बिहार गांव लोअर खलीनी, 14 वर्षीय उमंग चंदेल पुत्री बीआर चंदेल झारंग भवन सेट नंबर दो लोअर खलीनी, 14 वर्षीय सुनिधी पुत्री हेम सिंह ठाकुर निवासी भगवती नगर लोअर खलीनी और बस के परिचालक 40 वर्षीय सुरेश पुत्र शुभकर्ण निवासी लोअर खलीनी घायल हो गए।


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