वनरक्षक होशियार सिंह मामले में अब दाखिल होगी तीसरी चार्जशीट
वनरक्षक होशियार ¨सह की मौत मामले से जुड़े अवैध वन कटान मामले की सीबीआइ जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस प्रकरण की अब तीसरी चार्जशीट दाखिल होगी।
शिमला, जेएनएन। मंडी जिला के करसोग की सेरी कतांडा बीट के वनरक्षक होशियार ¨सह की मौत मामले से जुड़े अवैध वन कटान मामले की सीबीआइ जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस प्रकरण में अब तीसरी चार्जशीट दाखिल होगी। इसे एक महीने के अंदर दाखिल किया जा सकता है। इसी सिलसिले में दो चार्जशीट कोर्ट में पहले दायर हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार जांच में यह बात साबित हो गई है कि कतांडा बीट में अवैध वन कटान हुआ था। वन विभाग की एसआइटी ने वर्ष 2017 में पेड़ कटान की पूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। इसमें सैकड़ों पेड़ काटे जाने की सूचना थी।
बाद में हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की शिमला ब्रांच ने 26 अक्टूबर 2017 को तीन केस दर्ज किए थे। इनमें दो केस वन कटान और एक हत्या का था। ऐसा पुलिस की तीन अलग-अलग एफआइआर के आधार पर किया गया। पहली चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि वनरक्षक होशियार ¨सह को तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम ने तंग किया। उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया। इसकी वन विभाग विभागीय जांच अलग से कर रहा है।
अवैध कटान को लेकर सीबीआइ की एक टीम करसोग में डटी हुई है। क्या है मामला होशियार सिंह जून 2017 में लापता हो गया था। पांच जून को उसने सुबह पौने नौ बजे के करीब शिक्षक पवन के घर नाश्ता किया। दोपहर एक बजकर 17 मिनट पर अपनी दादी को अंतिम फोन कॉल की। तब वह उस जगह के आसपास था जहां बाद में नौ जून को उसका पेड़ से टंगा शव बरामद हुआ। तीन सुसाइड नोट मिले जिनमें से एक में लिखा था कि वह छोड़कर तो जाना नहीं चाहता पर क्या करूं..संसार सच्चे आदमी को जीने नहीं देता है। इस दुनिया में इमानदार होना सबसे बड़ा गुनाह है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस केस को पहले सीआइडी के हवाले किया। तब सरकार ने सीबीआइ जांच करवाने से इंकार किया। बाद में हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।