अब पहाड़ों पर नही टकराएंगी गाड़ियां, इस तकनीक का होगा इस्तेमाल
पहाड़ी मोड़ों पर होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए अब हिमाचल में एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में 85 फीसद सड़क हादसे अंधे मोड़ों के कारण हो रहे हैं। इनको रोकने के लिए मुख्यमंत्री के स्टार्टअप कार्यक्रम के तहत हाईसेफ इलेक्ट्रोनिक कॉरपोरेशन ने आइआइटी मंडी के इनक्यूबेशन सेंटर के तहत सुरक्षा सेंसर तैयार किया है। यह एक ऐसा सेंसर है जो गाड़ियों को टकराने नहीं देगा।
डॉ. परीक्षित बंसल मंडी से मीनाक्षी वर्मा और बादल निशांत ने सैंसर को तैयार किया है जो अंधे मोड़ पर हादसों को रोकने के लिए लाल बत्ती जला देगा। गाड़ी की गति के आधार पर सेंसर काम करेंगे और लाल लाइट जलाकर गाड़ियों को टकराने से रोकेंगे। इस अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन वीरवार को कुफरी में आयोजित होने वाली राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम की वार्षिक समीक्षा बैठक में तीस राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य परिषद के महानिदेशकों व सदस्य सचिवों के सामने किया जाएगा। हिमाचल में यह पहली समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है।
सुरक्षा सेंसर पर डेढ़ लाख रुपये की लागत आई है और एक वर्ष के रखरखाव का भी जिम्मा यही संभालेंगे। एक साल के बाद पांच हजार साल का खर्च आएगा। हिमाचल सरकार इस तकनीक को अपनाने पर विचार कर रही है। इसमें चार सेंसर को सड़क के दोनों तरफ लगाया जाएगा और तेज रफ्तार से आने वाली गाड़ी की विपरीत दिशा में यह लाल लाइट जला देगा। इस तकनीक में कभी भी फेल न होने वाली तीन स्तरीय सुरक्षा प्रणाली को इस्तेमाल में लाया गया है। जिसमें बिजली की आपूर्ति के बाधित होने पर इसकी बैटरी सौर ऊर्जा के माध्यम से चार्ज करेगी और बिजली से भी। बैटरी का बैकअप 72 घंटे का है। जहां पर भी इस सिस्टम को लगाया जाएगा वह अत्याधुनिक तकनीक से जुड़ा होगा। सुरक्षा सैंसर में इस तरह की व्यवस्था की गई है कि जो भी खराबी आएगी जैसे हादसे में खंबा तोड़ दिया, सेंसर काम न करें या कुछ और कारण हो तो तुरंत देश के किसी भी कोने में होने मोबाइल पर संदेश आएगा।
प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद हिमकोस्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नईदिल्ली, के राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम की वार्षिक समीक्षा बैठक सात व आठ जून को कुफरी के होटल रॉयल ट्यूलिप में आयोजित की जा रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हिमाचल प्रदेश वीपिन सिंह परमार इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे।
सुरक्षा सेंसर को सड़क हादसे रोकने के लिए तैयार किया गया है। इसका हिमाचल विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद हिमकोस्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली के राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम में प्रदर्शन होगा।
-कुनाल सत्यार्थी, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद