मजदूर न मिलने से सेब बागवानों की बढ़ी चिता
उपमंडल रामपुर के सेब बाहुल क्षेत्र के बागवानों के सामने मजदूरों का संकट खड़ा हो गया है।
संवाद सूत्र, धारगौरा : उपमंडल रामपुर के सेब बाहुल क्षेत्र के बागवानों के सामने मजदूरों का संकट खड़ा हो गया है। 15 से 20 दिन में सेब सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बागवानों ने सरकार से मांग की है कि नेपाल से मजदूरों को लाने का इंतजाम किया जाए, ताकि उनको किसी प्रकार का नुकसान न उठाना पड़े। बागवानों का कहना है कि इस बार कार्टन उपलब्धता भी कम है और दूसरा उसके भी दाम में वृद्धि की गई है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
धारगौरा के बागवान अजय राणा ने बताया कि कोरोना महामारी का असर उनकी सेब की फसल पर पड़ता दिखाई दे रहा है। धारगौरा, मशनू, दोफदा, किन्नू, सराहन, रंगोरी, लालसा व 15/20 क्षेत्र से हर साल लाखों पेटी सेब निकलता है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते मजदूरों की क्षेत्र में संख्या न के बराबर है, जो मजदूर यहां पर रह भी रहे थे वे कोरोना के चलते अपने देश नेपाल जा चुके हैं। जब इस बारे में नेपाल में मजदूरों से बात की गई तो वे आने को तैयार हैं, लेकिन बॉर्डर पर तैनात जवान उन्हें आने नहीं दे रहे हैं। यदि इस वर्ष लोगों को लेबर नहीं मिली तो ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जबकि यहां के लोगों की आजीविका सेब की फसल पर ही निर्भर करती है। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की है कि भारत-नेपाल बॉर्डर से मजदूरों को लाने का इंतजाम किया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि मजदूर लाने और कार्टन के दाम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।