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आबकारी एवं कराधान विभाग के कर्मचारियों पर भी चलेगा केस

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी से जुड़े छह हजार करोड़ से अधिक के कर-कर्ज घोटाले में सीआइडी ने वीरवार को तीसरी चार्जशीट दायर की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:19 AM (IST)
आबकारी एवं कराधान विभाग के कर्मचारियों पर भी चलेगा केस
आबकारी एवं कराधान विभाग के कर्मचारियों पर भी चलेगा केस

राज्य ब्यूरो, शिमला : इंडियन टेक्नोमेक कंपनी से जुड़े छह हजार करोड़ से अधिक के कर-कर्ज घोटाले में सीआइडी की एसआइटी ने वीरवार को नाहन की एक कोर्ट में तीसरी चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके आधार पर आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, पूर्व कर्मियों समेत इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के अतिरिक्त निदेशक को आरोपित बनाया है। अब इनके खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा। इस घोटाले में तीन चार्जशीट तैयार हुई हैं, इनमें कुल 22 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया। दो चार्जशीट इसी कोर्ट में पहले दाखिल हो गई थीं अब सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की गई है। एसआइटी के एसपी संदीप धवल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपित को दुबई से वापस भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट ने 2014 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की गड़बड़ियों को पकड़ा था। तीन साल तक यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। हिमाचल हाईकोर्ट में भी केस चला। सीआइडी ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच की। जांच में पाया कि कंपनी ने बड़ा घोटाला किया है।

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ये हैं आरोपित

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के अतिरिक्त निदेशक अनिल जैन, आबकारी एवं कराधान विभाग के तत्कालीन ईटीओ ज्योति स्वरूप, ईटीआइ दीपक सत्ती, सेवानिवृत्त ईटीआइ रमेश चौहान, आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आयुक्त आरडी जनारथा, सेवानिवृत्त ईटीओ टेक चंद, चपड़ासी धर्मपाल, मोहिद्र, नरेंद्र शामिल हैं। जैन ने बाद में कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी और अपनी जगह पत्नी को अतिरिक्त निदेशक बनाया था।

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ये हैं आरोप

फैक्ट्री प्रबंधन ने बैंकों के साथ धोखाधड़ी की। प्रबंधन ने जाली उत्पादन दर्शा कर बैंकों से कर्ज प्राप्त किया और लौटाया नहीं। इसके अलावा कर, कई विभागों की देनदारियां जैसे वैट, सीएसटी, आयकर, ईएसआइ, ईपीएफ आदि नहीं चुकाए। ऐसा आबकारी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ।

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ईडी भी कर रही है जांच

बैंकों के डकारे गए कर्जों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अलग से जांच कर रही है। कंपनी की इंडोनेशिया से लेकर दुबई तक की संपत्तियां जांच की जद में हैं। हिमाचल से डकारा पैसा कहां-कहां निवेश किया, किन-किन देशों में लगाया, इसकी जांच आगे बढ़ाई जा रही है। ईडी देश में करीब 44 संपत्तियों का पता पहले ही लगा चुकी है। बैंकों से लिए गए 1600 करोड़ के मूल कर्जें को कहां पर निवेश किया, इसकी जांच चल रही है। अब यह कर्जा ब्याज समेत ढाई हजार करोड़ तक पहुंच गया है। यह करीब 17 बैंकों से लिया गया था।


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