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सुक्खू सात दिन में दें प्रमाण या मानहानि के लिए रहें तैयार

सुक्खू ने इंटक संविधान के विपरीत मनोहर लाल उर्फ बबलू पंडित को अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पास ऐसी कोई शक्तियां नहीं हैं।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 02:41 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 02:41 PM (IST)
सुक्खू सात दिन में दें प्रमाण या मानहानि के लिए रहें तैयार
सुक्खू सात दिन में दें प्रमाण या मानहानि के लिए रहें तैयार

शिमला, राज्य ब्यूरो। इंटक नेता बावा हरदीप सिंह ने इंटक राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी संजीवा रेड्डी के अध्यक्ष न होने के सवाल पर सुक्खू को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू सात दिन के भीतर इसका प्रमाण दें। प्रमाण न देने पर मानहानि का दावा करेंगे। शिमला में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बावा ने कहा कि सुक्खू के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते इंटक कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी।

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बाबा ने सुक्खू से पूछा कि क्या राहुल गांधी ने संजीवा रेड्डी को पद से हटाया है? या उन्हें बर्खास्त किया है या फिर किसी भी न्यायालय के आदेश हैं तो वह बताएं। गौर रहे कि कुछ दिन पहले सुक्खू ने बावा की जगह बबलू पंडित को इंटक का प्रदेश अध्यक्ष तैनात किया था जबकि अगले ही दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष रेड्डी ने पुन: बावा को ही तैनात किया था। उसके बाद से कांग्रेस में रार बढ़ती जा रही है।

बकौल बावा, इंटक के साथ 118 मजदूर यूनियन हैं और चुनावों के माध्यम से अध्यक्ष बनाया गया है। सुक्खू ने इंटक संविधान के विपरीत मनोहर लाल उर्फ बबलू पंडित को अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पास ऐसी कोई शक्तियां नहीं हैं। दिनेश सुंरियाल जिसे इंटक का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया जा रहा है वह न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष है और न ही बबलू पंडित प्रदेश इंटक अध्यक्ष। यह दोनों ही किसी भी मजदूर संगठन के सदस्य तक नहीं हैं। इंटक के अध्यक्ष पद का विवाद भी सुक्खू ने ही पैदा किया है जबकि इंटक में कोई विवाद नहीं है।

बावा ने आरोप लगाया कि सुक्खू जब एनएसयूआइ और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे तो दोनों संगठनों को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब तक प्रदेश कांग्रेस की कमान उनके पास है तब तक संगठन कमजोर रहेगा।  हां, मैं वीरभद्र सिंह का आदमी हूं बावा ने कहा कि ‘मैं वीरभद्र सिंह का आदमी हूं’। 

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण मजदूर यूनियनों के कहने पर नालागढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ा। हालांकि वीरभद्र ने निर्दलीय चुनाव लड़ने से इन्कार किया था। मैंने कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा।

हरदीप बाबा की इंटक को हिमाचल कांग्रेस मान्यता नहीं देती। बबलू पंडित को इंटक के सदस्यों ने चुना है। बाबा हरदीप को हिमाचल के पूर्व कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने हटाया है। निष्कासित सदस्य अध्यक्ष नहीं हो सकता है। जब मान्यता ही नहीं देते तो उसे सफाई देने की आवश्यकता ही नहीं है। बबलू पंडित की इंटक को मान्यता देते हैं। किसी से प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं।

-सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष


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