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सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ेंगे शहीदों की वीरता के किस्से

कारगिल के युद्ध में शहीद हुए प्रदेश के जवानों की शहादत का पाठ अब सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। कारगिल युद्ध के बाद ही पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों में शहीद हुए जवानों की जीवनी पढ़ाने की चर्चा शुरू हुई थी इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भी शहीदों की शहादत के बारे में स्कूली बच्चों को अवगत करवाने कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश के शहीदों के बारे में स्कूली बच्चों को अवगत करवाने की कवायद चर्चा से आगे बढ़ी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:01 PM (IST)
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ेंगे शहीदों की वीरता के किस्से
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ेंगे शहीदों की वीरता के किस्से

रविद्र शर्मा, शिमला

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कारगिल युद्ध में शहीद हुए हिमाचल के जवानों की वीरता के किस्से अब सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाए जाएंगे। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। कारगिल युद्ध के बाद पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को शहीदों की जीवनी पढ़ाने की चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान इस संबंध में ठोस कदम नहीं उठाया गया।

भाजपा सरकार ने प्रदेश के शहीदों की वीरता के किस्सों से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अवगत करवाने की कवायद तेज की है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कुछ महीने पहले प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान शहीदों की शहादत से संबंधित पाठ्यक्रम तैयार करने के संबंध में निर्देश दिए थे। शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश के शहीदों की जीवनी पर आधारित पाठ बोर्ड की कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। इसे दसवीं और जमा दो कक्षाओं के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। वीरगाथा से जुड़े पाठ्यक्रम पर आधारित परीक्षा भी ली जाएगी। युवाओं को मिलेगी देशसेवा की प्रेरणा

कारगिल युद्ध में हिमाचल के दो जवानों को परमवीर चक्र मिले थे। कैप्टन विक्रम बतरा व हवलदार संजय कुमार को परमवीर चक्र मिला है। यह गौरव की बात है कि प्रदेश सरकार ऐसे वीरों की जीवनी को स्कूलों में पढ़ाना चहती है। इससे युवाओं को देशसेवा की प्रेरणा मिलेगी। युवा आसानी से समझ पाएंगे कि हिमाचल को वीरों की भूमि क्यों कहा जाता है।

कुशाल ठाकुर, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जल्द लागू होगा पाठ्यक्रम

हिमाचल के वीर जवानों के जीवन और वीरता के किस्सों पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए शिक्षा बोर्ड को निर्देश जारी किए गए हैं। विशेषकर बोर्ड की कक्षाओं के सिलेबस में प्रदेश के वीर जवानों की वीरता के किस्सों को जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर कर दी गई है। शहीदों पर पाठ्यक्रम तैयार कर उसे जल्द लागू कर दिया जाएगा।

सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री


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