21 को सूर्यास्त तक थमेंगे 2800 निजी बसों के पहिये
प्रदेश सरकार के रवैये के कारण निजी बस ऑपरेटरों में रोष है। ऐसे में निजी बस ऑपरेटर 21 जून को सांकेतिक हडताल करेंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार के रवैये के कारण निजी बस ऑपरेटरों में रोष है। सरकार के रवैये का आलम यह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से वार्ता के लिए सात जून को संदेश आया था लेकिन अभी तक वार्ता का समय तय नहीं हो पाया है। संदेश में यही पूछा गया था कि कितने पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। अब निजी बस ऑपरेटर 21 जून को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक हड़ताल पर रहेंगे। इससे 2800 निजी बसों के पहिये थमेंगे।
निजी बस ऑपरेटर संघ के पदाधिकारियों की परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर से दो बार मुलाकात हुई है। इसके बावजूद सरकार इनकी मांगें नहीं मान रही है। ऐसे में अब एक दिन सांकेतिक हड़ताल होगी। अगर फिर भी सरकार न चेती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की रणनीति तैयार होगी।
ये हैं प्रमुख मांगें
-न्यूनतम बस किराया दस रुपये किया जाए।
-सामान्य किराये में 50 फीसद बढ़ोतरी हो।
-ग्रीन टैक्स तत्काल वापस लिया जाए।
-पुरानी बसों को पांच के बजाय 10 साल में बदलें डीजल पर मिले सबसिडी
प्रदेश में अभी प्रति किलोमीटर बस किराया एक रुपये 43 पैसे है। निजी बस ऑपरेटरों का तर्क है कि वर्ष 2014 में डीजल के दाम 46 रुपये प्रति लीटर थे। अब डीजल 68 रुपये प्रति लीटर हो गया है पर किराया नहीं बढ़ा। सरकार या तो किराया बढ़ाये या डीजल के दाम 50 रुपये प्रति लीटर से अधिक होने पर सबसिडी दे। ग्रीन टैक्स पर कोर्ट जाने की तैयारी ग्रीन टैक्स पर निजी बस ऑपरेटर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
पिछले साल पूर्व कांग्रेस सरकार ने ग्रीन टैक्स लगाया था। यह टैक्स साढ़े पांच फीसद की दर से वसूला जा रहा है। सड़कों के ग्रेड के हिसाब से टैक्स निजी बसों पर सरकार सड़कों के ग्रेड के हिसाब से टैक्स वसूलती है। नेशनल हाईवे पर छह रुपये तीन पैसे प्रति सीट प्रति किलोमीटर प्रति माह, स्टेट हाईवे पर पांच रुपये तीन पैसे, ग्रामीण सड़कों पर चार रुपये तीन पैसे प्रति सीट प्रति किलोमीटर प्रति माह टैक्स लिया जा रहा है। इसके अलावा 30 पैसे प्रति सीट प्रति माह प्रति किलोमीटर ग्रीन टैक्स और 22 हजार रुपये प्रति वर्ष टोकन टैक्स लिया जाता है। किराया बढ़ाने की हालत में नहीं सरकार अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार बसों के किराये में बढ़ोतरी करने की हालत में नहीं है। ऐसे में निजी बस ऑपरेटरों की इस मांग को मानना संभव नहीं लगता है। सांकेतिक होगी हड़ताल हमारी मांगें जायज हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से संदेश आया था कि संघ के कौन-कौन से पदाधिकारी सीएम से मिलना चाहते हैं। संघ ने फैक्स के जरिये पूरी सूची दे दी थी पर वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया। अब हम सांकेतिक हड़ताल करेंगे। रमेश कमल, महासचिव, हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ