Move to Jagran APP

दिल्ली नहीं सीबीआइ की शिमला ब्रांच करेगी जांच!

अढ़ाई सौ करोड़ के बहुचर्चित स्कॉलरशिप स्कैंडल यानी वजीफा घोटाले की जांच सीबीआइ की शिमला स्थित एंटी क्रप्शन ब्यूरो(एसीबी) करेगी। जांच की जद में कई राज्यों के शिक्षण एवं प्रोफेशनल संस्थान आएंगे। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। मंत्रालय ने पूछा था कि यह ब्रांच क्यों जांच करना चाहती है? इसका विस्तृत जवाब दे दिया है। पहले इसी केस के दिल्ली की स्पेशल क्राइम यूनिट (एसीयू) के पास भेजने की ज्यादा संभावना थी। लेकिन अब सीबीआइ के तर्कों को काट पाना आसान नहीं है। जांच एजेंसी की दलील है कि यह घोटाला जनजातीय क्षेत्रों लाहुल किनौर के छात्रों के हक डकारने से भी जुड़ा है। ऐसे में अगर बाहर से टीम आएगी तो उसे

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:43 AM (IST)
दिल्ली नहीं सीबीआइ की शिमला ब्रांच करेगी जांच!

रमेश सिगटा, शिमला

loksabha election banner

ढाई सौ करोड़ के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआइ की शिमला स्थित एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) करेगा। जांच की जद में कई राज्यों के शिक्षण एवं प्रोफेशनल संस्थान आएंगे। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। मंत्रालय ने पूछा था कि शिमला ब्रांच क्यों जांच करना चाहती है। पहले इसी केस को दिल्ली की स्पेशल क्राइम यूनिट (एससीयू) के पास भेजने की ज्यादा संभावना थी, लेकिन अब सीबीआइ के तर्को को काट पाना आसान नहीं है। जांच एजेंसी की दलील है कि यह घोटाला जनजातीय क्षेत्रों लाहुल स्पीति और किनौर के छात्रों के हक डकारने से भी जुड़ा है। ऐसे में अगर बाहर से टीम आएगी तो उसे भौगोलिक परिस्थितियों को समझने और जांच में दिक्कतें आएगी। यही कार्य हिमाचल की यूनिट बेहतर कर पाएगी। इससे पहले कोटखाई के छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या मामले की जांच दिल्ली की स्पेशल क्राइम यूनिट ने की थी। जांच के लिए एसआइयू ने लंबे अरसे तक शिमला के पीटरहॉफ में डेरा डाला था। सीबीआइ जांच की सिफारिश

राज्य सरकार पहले ही इस मामले में सीबीआइ जांच की सिफारिश कर चुकी है। इस मामले को सरकार ने केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को भेजा। वहां से इसे सीबीआइ के पास दिया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी के निर्देश पर इस सिलसिले में थाना छोटा शिमला पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी।

क्या है घोटाला

राज्य सरकार ने घोटाले की जांच शिक्षा विभाग की कमेटी से करवाई। इसमें पता चला है कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट मात्र 11 फीसद निजी संस्थानों के छात्रों को दिया गया है। 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के छात्रों को 210.05 करोड़ और 18682 सरकारी संस्थानों के छात्रों को मात्र 56.35 करोड़ रुपये दिए गए। जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को सालों तक स्कालरशिप नहीं मिल पाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.