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पहला हिमपात : चांदी की चादर के आगोश में हिल्स क्वीन

सर्दी के पहले हिमपात से हिल्‍स क्‍वीन शिमला चांदी की चादर में लिपट गया है, बर्फबारी होने से पर्यटकों की संख्‍या में भी काफी इजाफा हुआ है।

By Edited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 08:30 AM (IST)
पहला हिमपात : चांदी की चादर के आगोश में हिल्स क्वीन
पहला हिमपात : चांदी की चादर के आगोश में हिल्स क्वीन

शिमला, जेएनएन। राजधानी में बुधवार को सर्दी का पहला हिमपात हुआ। देर रात तीन बजे से सफेद फाहे गिरने का शुरू हुआ सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा। हिल्स क्वीन शिमला हिमपात के पहले ही दिन पूरी तरह चांदी की चादर में लिपट गई है जिसे देख पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं। हालांकि बर्फ अधिक समय के लिए टिक नहीं पाई, लेकिन शिमला में बर्फबारी की सूचना मिलते ही पर्यटकों की चहल पहल बढ़ने लगी है।

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वहीं व्हाइट क्रिसमस की चाह में अतिरिक्त पर्यटकों ने भी शिमला में दस्तक देना शुरू कर दिया है। जो पर्यटक शिमला पहले से ही पहुंचे थे सुबह आंखें खुलते ही पेड़ों की टहनियों पर जमी बर्फ को देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और होटलों से निकल रिज, मालरोड की तरफ रुख किया जहां पर्यटक सुबह से ही अठखेलियां करते देखे गए। ऐसे में जब शिमला शहर में बर्फ अधिक देर तक टिक नहीं पाई तो पर्यटक कुफरी, नालदेहरा, नारकंडा इत्यादि की ओर निकल पड़े। नजदीकी राज्य पंजाब, हरियाणा व राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़ इत्यादि से ट्रेन व बस के माध्यम से पर्यटक शिमला पहुंचे, जिन्होंने दिन भर रिज मैदान पर बर्फ के बीच खूब मस्ती की और वापस अपने शहर लौटे। इसके अतिरिक्त कई पर्यटक ऐसे रहे जिनकी बुधवार को वापसी की टिकट थी, मगर कुदरत ने उन्हें भी मायूस होकर नहीं लौटने दिया। ऐसे में जब सुबह ही शहर जन्नत के आगोश में नजर आया तो उन्होंने टिकट रद करवा दी और कार्यक्रम स्थगित कर दिया। वहीं, बर्फबारी की वजह से डोडराक्वार मार्ग बंद रहा।

प्रशासन के इंतजाम बर्फ की तरह पिघले राजधानी शिमला में वर्ष के पहले जोरदार हिमपात ने प्रशासन की पोल खोल दी है। यातायात व्यवस्था सहित सभी सड़कें और आपात सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई। हालांकि कुछ ही देर में फिर से सड़कें बहाल हो गई, लेकिन बर्फबारी को लेकर प्रशासन ने किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं की थी। बर्फबारी में लोगों को गिरने से बचाने और गाड़ियों की आवाजाही के लिए क्रैशर सैंड भी नहीं डाला गया था। अस्पताल जाने वाले रास्तों पर भी कोई व्यवस्था नहीं थी।

मजदूरों की हुई चांदी दिसंबर की पहली बर्फबारी ने मजदूरों की चांदी कर दी। बर्फबारी के कारण इक्का दुक्का वाहन सड़कों पर नजर आए। ऐसे में सामान सहित आ रहे लोगों को किसी भी तरह की गाड़ियों की कोई व्यवस्था न होने के कारण उन्हें मजदूरों को कई गुणा दाम देकर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा।

बसें और गाड़ियां रही बंद सुबह से ही राजधानी में हिमपात का सिलसिला जारी हो गया था जिससे शहर में गाड़ियों के पहिए जाम कर दिए। बसें और छोटी गाड़ियां पहले स्किड होती रही और कुछ ही देर बाद पूरी यातायात व्यवस्था ठप पड़ गई।

बिजली भी रही बाधित राजधानी में बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर शॉर्ट सर्किट होने के कारण बिजली बाधित रही। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बिजली के बाधित होने के कारण घरों में भी लोग बिना हीटर के ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर रहे।

अड्डों पर बसों का इंतजार करते रहे लोग ऊपरी क्षेत्रों में बसों के फंसने के कारण बसें बस अड्डे तक नहीं पहुंच सकी और लोगों को घंटों बस अड्डे में इंतजार करने के बाद वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। इसके साथ ही जो लोग राजधानी के बाहरी क्षेत्रों से आए थे और घरों को लौट रहे थे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और होटलों में महंगे कमरे लेकर रहना पड़ा। कुफरी नारकंडा सुबह ही गए पर्यटक बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध होने के कारण फंसे रहे। गाड़ियां स्किड हो रही थी। ऐसे में पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पर्यटन सीजन में डाल दी नई जान पर्यटन स्थलों पर हुई बर्फबारी ने पर्यटन सीजन में नई जान भरी है। बर्फ ने प्रदेश में पड़ रहे सूखे के चक्र को भी तोड़ा है, जिससे लोगों ने सूखी ठंड से राहत महसूस की है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिल गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि अब शिमला में पर्यटन व्यवसाय फिर चमकेगा।

कुफरी में लगा लंबा जाम कुफरी में सुबह के समय हुई बर्फबारी के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ गई, जिस कारण वाहनों के स्किड होने से जाम लग गया। कुफरी से ढली तक लंबा जाम लगा रहा। इसके बाद प्रशासन को स्थिति सुधारने के लिए ढली में वाहनों की आवाजाही रोक दी जिससे ढली संजौली में भी जाम लग गया।


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