शिमला में हिमपात शुरू, निचले क्षेत्रों में बारिश की संभावना
snowfall in shimla. हिमाचल में बर्फबारी का सिलसिला जारी है, बुधबार सुबह से ही शिमला में भी बर्फ के फाहे गिरने शुरू हो गए।
शिमला, जेएनएन। शिमला में बुधवार सुबह से ही बर्फ के फाहे गिरने शुरु हो गए है, मंगलवार को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई थी। पर्यटन नगरी मनाली में बर्फ के फाहे गिरे। कांगड़ा जिला में धौलाधार की पहाड़ियों, आदि हिमानी चामुंडा मंदिर व आसपास के क्षेत्र तथा बैजनाथ के छोटा भंगाल में बर्फबारी हुई। चंबा शहर में बारिश हुई। भरमौर व पांगी की चोटियों पर भी हल्का हिमपात हुआ।
रोहतांग दर्रे में डेढ़ फीट बर्फबारी हुई। इस कारण रोहतांग दर्रे पर वाहनों की रफ्तार थम गई है। रोहतांग दर्रा वाहनों व राहगीरों के लिए बंद होने से लाहुल के लोगों की दिक्कत बढ़ गई हैं। बीआरओ द्वारा रोहतांग सुरंग से आवाजाही की अनुमति न देने लाहुली हवाई सेवा पर ही निर्भर हैं। हवाई सेवा का शेड्यूल जारी होते ही हवाई सेवाएं शुरू होंगी। लोगों को आपात स्थिति में ही रोहतांग सुरंग से घाटी से बाहर भेजा जाएगा। वहीं, मंगलवार को प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में बादल छाए रहे।
बारिश व बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार 12 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं, 13 से 17 दिसंबर तक मौसम साफ रहने की उम्मीद है।
चोटियों पर बर्फबारी से प्रदेश के मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है। प्रदेश में अब तक व्यापक बारिश नहीं हुई है। जमीन में नमी की कमी के कारण मैदानी क्षेत्रों में धुंध का प्रकोप नहीं है। हालांकि सुबह व शाम भारी ठंड होने से प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पानी जमना शुरू हो गया है।
कुल्लू में भी मौसम के तेवर बदल गए हैं। घाटी के पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है। मंगलवार को दिन में धूल खिली रही और शाम को झमाझम बारिश हुई। ऊंची चोटियों पर हुए ताजा हिमपात और निचले क्षेत्रों में हुई बारिश से जिलाभर के तापमान में भारी गिरावट आई है। इससे इससे जिला के सभी क्षेत्र शीतलहर की चपेट में हैं। खराहल, लगवैली, बंजार, आनी व मनाली की पहाड़ियां बर्फ से लद गई हैं। दिसंबर के दूसरे सप्ताह हुई बर्फबारी व बारिश किसानों तथा बागवानों के लिए भी राहत लेकर आई है।
उद्यान विभाग कुल्लू के उप निदेशक राजकुमार शर्मा ने बताया कि अभी बर्फबारी कम हुई है लेकिन बागवानों के लिए यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि बागवान इस समय बगीचों में तौलिए बनाने का कार्य शुरू करें। नए बगीचों में पौधे लगाने के लिए बागवान अभी से गड्ढे बनाकर रखें और 15 दिसंबर के बाद इस काम को शुरू करें। वे अभी से खाद का भी इंतजाम अभी से करें। गौर रहे कि पिछले काफी दिन से बारिश न होने के कारण जिला के बागवानों के चेहरे मुरझा गए थे लेकिन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में हुई इस बर्फबारी से बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं।
बर्फबारी व बारिश से किसानों-बागवानों के चेहरे खिले
बर्फबारी और बारिश होने से बागवानों और किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। रोहतांग दर्रे सहित पहाड़ों में बर्फबारी का क्रम रहने से तापमान में गिरावट आई है तथा ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है। इससे सेब के लिए च्चलिग ऑवर्स पूरे आने की उम्मीद है। अगर सर्दी में मौसम का यही मिजाज रहा तो सेब की फसल उम्दा हो सकती है। घाटी के बागवान सर्व दयाल, चुनी लाल, डोले राज, और हीरालाल ने कहा कि बर्फबारी और बारिश से निश्चित ही चिच्लग ऑवर्स को संजीवनी मिल गई है। साथ ही कृषि और बागवानी के रुके कार्य भी समय पर होंगे। कुल्लू फलोत्पादक मंडल के अध्यक्ष राजगीर महंत कहते हैं कि बर्फबारी सेब के लिए आवश्यक चिच्लग ऑवर्स के लिए सहायक सिद्ध होगी।
बागवानी अनुसंधान केंद्र सेउबाग प्रभारी डॉ. किशोर खोसला के अनुसार बर्फबारी और बारिश का क्रम ऐसा ही रहा तो चिच्लग ऑवर्स पूरे होने के साथ-साथ फसलें भी उम्दा होगी। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी से मनाली-कुल्लू के पर्यटन व्यवसायियों ने भी राहत की सांस ली है। 16 दिसंबर के बाद मनाली के अधिकतर होटल एडवांस में पैक चल रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी होने से क्रिसमस और न्यू ईयर में सैलानियों का सैलाब उमडने की उम्मीद है। होटल संचालक सुशील, रवि व्यास और बंशी ने बताया कि बर्फबारी से कारोबार बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि होटलों में बांसुरी की धुन सहित कैंडल लाइट डिनर और कुल्लवी नाटी की विशेष व्यवस्था की है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने कहा कि क्रिसमस और न्यू इयर को लेकर होटलों में विशेष छूट दी जा रही है। उन्होंने बताया कि बर्फबारी पर्यटन कारोबार पर सोने पे सुहागा है।