Move to Jagran APP

हिमाचल में बर्फीले तूफान का कहर, राहगीरों की बढ़ी दिक्कतें

हिमाचल में भारी बर्फबारी व बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, बर्फबारी के कारण प्रदेश में 377 सड़कें बंद रहीं इससे इन मार्गों पर यातायात ठप हो गया।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 09:21 AM (IST)
हिमाचल में बर्फीले तूफान का कहर, राहगीरों की बढ़ी दिक्कतें

शिमला, जेएनएन। भारी बर्फबारी व बारिश से मंगलवार को हिमाचल में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रदेश में सबसे अधिक बर्फबारी शिमला जिला में दर्ज की गई। बर्फबारी के कारण प्रदेश में 377 सड़कें बंद रहीं। इससे इन मार्गों पर यातायात ठप हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-5 शिमला किन्नौर मंगलवार सुबह नारकंडा में बंद हो गया। सड़कों पर बर्फ होने के कारण प्रदेश में 1,500 से अधिक बस रूट बंद रहे। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 500 बसें फंसी रहीं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोगों को पेयजल आपूर्ति ठप होने से दिक्कत झेलनी पड़ी। बर्फबारी व बारिश को कृषि व बागवानी के लिए बेहतर माना जा रहा है। बर्फबारी और बारिश से प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। 

loksabha election banner

राजधानी शिमला में मंगलवार सुबह करीब सात बजे बर्फबारी शुरू हुई। शिमला सहित कुफरी, नारकंडा व जिले के कई ऊपरी क्षेत्रों में दिनभर बर्फीला तूफान चला। इससे राहगीरों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं। राजधानी में सुबह करीब दस बजे बर्फबारी के कारण यातायात ठप होने पर लोगों को पैदल सफर करना पड़ा। बिजली की आंखमिचौली से लोगों को ठंड में ठिठुरना पड़ा। सोलन जिले की चोटियों पर भारी बर्फबारी हुई। सोलन के कसौली, करोल व बड़ोग में बर्फबारी हुई।

 

चायल का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। सिरमौर जिले के चूड़धार, नौहराधार, हरिपुरधार व शिलाई में भारी बर्फबारी हुई। मंडी जिला में कई गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। कुल्लू जिला के सोलंगनाला सहित हामटा में भारी बर्फबारी हुई। किन्नौर जिला के करछम व छितकुल में भारी बर्फबारी हुई। कांगड़ा जिला में भी चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली।

आधे हिमाचल में परिवहन व्यवस्था ठप 

बर्फ ‘भारी’, बढ़ी दुश्वारी भारी बर्फबारी के कारण मंगलवार को आधे हिमाचल में  परिवहन व्यवस्था ठप हो गई। डेढ़ हजार से अधिक बस रूट प्रभावित होने से इन पर बसें नहीं चलीं। सैकड़ों रूट पूरी तरह बंद रहे। करीब 500 बसें बर्फ के बीच फंस गई हैं। ऊपरी शिमला के चौपाल में 60 बसें फंस गईं। ये बसें सोमवार को रूट पर गई थीं लेकिन मंगलवार को वापस नहीं आ पाईं।

मंगलवार सुबह बर्फबारी शुरू होते ही शिमला से रिकांगपिओ, रोहड़ू व चौपाल के लिए बसों की आवाजाही बंद हो गई। दस बजे के बाद रामपुर के लिए बसंतपुर से होकर भी बस सेवाएं बंद हो गईं। दिन में चक्कर, बालूगंज के पास शिमला से मंडी और सकंटमोचन के पास चंडीगढ़ की ओर जाने वाली बसें भी बंद हो गईं। अर्की से शिमला आने वाले वाहन पावरहाउस, चक्कर के पास फंस गए।

 

सबसे ज्यादा प्रभावित रूट चौपाल में हुए। रोहड़ू से शिमला के लिए एक भी बस नहीं आ पाई। रोहड़ू में 60 बसें सड़क पर खड़ी हो गईं। चंबा जिला में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की 27 बसें व 10 निजी बसें फंस गईं। प्रदेश में एचआरटीसी व निजी दोनों बस सेवाएं प्रभावित हुईं। इससे एक ही दिन में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। बर्फबारी की सूचना मिलने पर कई पर्यटकों ने हिमाचल का रुख कर लिया। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल शिमला, कुफरी, नारकंडा, मनाली, धर्मशाला आदि में पर्यटकों ने बर्फबारी का आनंद उठाया।

ओकओवर पैदल पहुंचे मुख्यमंत्री, बर्फ हटाने का कार्य जांचा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को सचिवालय से अपने सरकारी आवास ओकओवर तक पैदल यात्रा की। उन्होंने शिमला व आसपास के क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण हुई स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने रास्तों से बर्फ हटाने के कार्य का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बर्फबारी से उपजे हालात की रिपोर्ट अधिकारियों से ली। उन्होंने अधिकारियों को बर्फबारी से बंद सड़कें जल्द खोलने और शीघ्र सामान्य स्थिति बहाल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जनता व पर्यटकों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप को आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित बनाने और वाहनों की आवाजाही बहाल करवाने का निर्देश दिया। इस दौरान अमित कश्यप व मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह भी जयराम ठाकुर के साथ थे।

 

प्रशासन के दावों की पोल खुली

मौसम बिगड़ने पर हालात सामान्य रखने के प्रशासनिक दावों की पोल बर्फबारी ने खोल दी। मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी बर्फबारी की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद शिमला जिला में प्रशासन के विशेष प्रबंध नजर नहीं आए। 

377 सड़कों पर यातायात बाधित

बर्फबारी के कारण मंगलवार को प्रदेश में 377 सड़कों पर यातायात बाधित हो गया। सड़कों से बर्फ हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने कई इंतजाम किए हैं। फील्ड में मशीनरी तैनात कर दी गई है। लोक निर्माण विभाग को गत बरसात से करीब एक हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। हालांकि अभी तक केंद्र से राहत राशि नहीं मिल पाई है।

परिवहन मंत्री ने दिए सड़कें बहाल रखने के निर्देश

परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बर्फबारी को देखते हुए पीडब्लूडी विभाग व नेशनल हाईवे अथारिटी को सड़कें बहाल रखने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि मनाली में इस समय पर्यटकों की संख्या अधिक है। ऐसे में बर्फ़बारी होने से सड़कें बंद हो सकती हैं।

 बर्फ में आठ घंटे फंसी रही शव ले जा रही एंबुलेंस

राजधानी शिमला में एक एंबुलेंस रिगल के पास बर्फ के बीच आठ घंटे फंसी रही। हमीरपुर जिले के नगरोटा गाजियां (भोरंज) निवासी जोगेंद्र राणा 35 वर्षीय बेटे का शव लेकर घर लौट रहे थे। कैंसर पीड़ित उनके बेटे की इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में मौत हो गई थी। वह बीच सड़क में बेटे के शव के साथ आठ घंटे एंबुलेंस में बैठे रहे मगर प्रशासन से मदद नहीं मिल पाई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.