महापौर बदलने के बाद बदलीं स्मार्ट सिटी की प्राथमिकताएं
जागरण संवाददाता शिमला नगर निगम शिमला की महापौर बदलने के बाद स्मार्ट सिटी की प्राथमिकताएं
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला की महापौर बदलने के बाद स्मार्ट सिटी की प्राथमिकताएं भी बदल गई हैं। निगम के वार्ड नंबर चार अनाडेल में पूर्व महापौर ने सड़क को चौड़ा करने के लिए 18 लाख रुपये का टेंडर स्मार्ट सिटी के तहत लगाया था, लेकिन अब इस टेंडर को रद कर दिया गया है। अब यह काम स्मार्ट सिटी के तीसरे चरण में होगा। इससे निगम के पार्षदों में भी खासी नाराजगी है।
पार्षदों ने वर्तमान महापौर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। हालांकि स्मार्ट सिटी के तहत सर्कुलर रोड के अलावा अन्य सड़कों को चौड़ा करने का काम तीसरे चरण में ही होना है। लेकिन इस सड़क को चौड़ा करने के लिए टेंडर भी लगाए जा चुके थे। स्मार्ट सिटी ने इस प्रोजेक्ट को फिलहाल लेने से इन्कार कर दिया है। कार्टरोड से अनाडेल तक यह सड़क काफी संकरी है।
वार्ड नंबर तीन और चार के लोग इसी सड़क से शहर पहुंचते हैं। लेकिन सड़क के संकरी होने के कारण इस पर गाड़ियां फंस जाती हैं। इस कारण लोगों को परेशान होना पड़ता है। पार्षदों का तर्क, टेंडर करने के बाद क्यों रोका काम
पार्षदों का कहना है कि टेंडर करने के बाद इस काम को क्यों रोका गया। जबकि महापौर ने अपने वार्ड में सड़क को चौड़ा करने के काम का टेंडर आवंटित कर काम भी शुरू करवा दिया। उन्होंने सवाल किया कि जब महापौर के वार्ड का काम हो सकता है तो दूसरे वार्डो के काम स्मार्ट सिटी में क्यों नहीं हो सकते। अनाडेल वार्ड की पार्षद व पूर्व महापौर कुसुम सदरेट ने मांग उठाई कि यदि स्मार्ट सिटी के तहत यह सड़क चौड़ी नहीं हो सकती तो नगर निगम के फंड से सड़क को चौड़ा किया जाए। मासिक सदन में पूर्व महापौर कुसुम सदरेट ने उठाया था मामला
नगर निगम के मासिक सदन में पूर्व महापौर कुसुम सदरेट ने इस मामले को उठाया था। उन्होंने कहा था कि दो वार्डो के लोगों को यह सड़क लाभान्वित करती है। ऐसे में सड़क को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। स्मार्ट सिटी के नियमों से बाहर जो सड़कें हैं, उन्हें नगर निगम के फंड से चौड़ा किया जाएगा। अनाडेल वार्ड की सड़क को भी निगम अपने फंड से चौड़ा करेगा।
सत्या कौंडल, महापौर नगर निगम शिमला।